हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, पूजा-पाठ करने और मंदिर जाने से मन को शांति मिलती है। लेकिन, भागदौड़ और समय की कमी वाली इस जिंदगी में हर दिन मंदिर जाना हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में कई लोग घर में ही मंदिर की तरह मूर्ति की स्थापना कर लेते हैं। लेकिन, कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या घर में मंदिर की तरह मूर्ति की स्थापना की जा सकती है? क्या जिस घर में हम रहते, खाते और सोते हैं वहीं भगवान की मूर्ति भी स्थापित की जा सकती है? क्या ऐसा करना धार्मिक और ज्योतिषीय नजर में शुभ माना जाता है? यह सवाल अक्सर ही मन में उठते हैं।
अगर आप भी ऐसा सोच रही हैं कि क्या घर में मंदिर की तरह मूर्ति स्थापना की जा सकती है, तो इसका जवाब इस आर्टिकल में बताया गया है। जी हां, इस सवाल के जवाब के लिए हमने पंडित और ज्योतिषाचार्य राधे श्याम मिश्रा से बात की है। उनका कहना है कि घर में देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित तो की जा सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ बातों और नियमों का ध्यान रखना जरूरी होता है।
घर में मंदिर की तरह मूर्ति स्थापना से पहले इन बातों का रखें ध्यान
मूर्ति स्थापना की भावना
पंडित जी के मुताबिक, घर के मंदिर में मूर्तियों की स्थापना सिर्फ सजावट के लिए नहीं होती हैं, यह आस्था और भक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। ऐसे में अपनी भक्ति और आस्था के अनुसार ही घर में मंदिर की तरह मूर्ति स्थापना करें।
मूर्ति स्थापना के समय प्राण-प्रतिष्ठा भी करवाएं। क्योंकि, मंदिर में सिर्फ पत्थर या धातु की मूर्तियां नहीं होती हैं, बल्कि उसमें दिव्यता का वास भी होता है। वहीं, जब आप प्राण-प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति स्थापित करते हैं तो उसकी देखभाल और पूजन नियमों के साथ करना चाहिए, जिस तरह मंदिर में किया जाता है।
दिशा और दशा का रखें ख्याल
ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना गया है कि घर में देवी-देवता की मूर्ति स्थापना तब ही शुभ मानी जाती है, जब दिशा और दशा का ध्यान रखा जाए। ऐसे में मंदिर में मू्र्ति स्थापना से पहले सही दिशा का चुनाव जरूर करें। वास्तु और ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि पूर्व दिशा में देवी-देवताओं का मुख होना सबसे शुभ होता है। क्योंकि, यह दिशा सूर्य की होती है।
दिशा के बाद मूर्ति स्थापना में देवी-देवताओं की मूर्ति के बीच दूरी का भी ध्यान रखना चाहिए। सभी मूर्तियों के बीच कम से कम 1 इंच की दूरी रखें।
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सौम्य मूर्तियां करें स्थापित
घर के मंदिर में अगर आप मूर्ति स्थापित कर रहे हैं तो सौम्य रूप वाले देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना करें। ऐसा माना जाता है कि क्रोधी स्वरूप वाली मूर्तियां घर में नहीं रखनी चाहिए। जैसे भगवान शिव की नटराज वाली मूर्ति, मां दुर्गा का काली स्वरूप या नृसिंह भगवान की मूर्ति की स्थापना नहीं करनी चाहिए।
खंडित मूर्तियां न रखें
घर के मंदिर में मूर्ति स्थापना कराना बहुत आसान है। लेकिन, नियमों के साथ रहना और उनका पूजन करना कठिन होता है। ऐसे में अगर भूल से भी घर में स्थापित मूर्ति खंडित हो जाए तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए और उनके स्थान पर नई मूर्ति की स्थापना करानी चाहिए।
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नियमित पूजन और सेवा
मंदिरों में पुजारी देवी-देवताओं की नियमित पूजा और सेवा करते हैं। ऐसे में घर में स्थापित देवी-देवताओं के भोग से लेकर सेवा का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करने की भावना होने पर ही घर में मंदिर की तरह देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित की जा सकती हैं।
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Image Credit: Herzindagi
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