अक्सर आपने सुना होगा कि 'अरे, इसकी कुंडली में तो मंगल दोष है!' या 'मंगल दोष के कारण शादी में दिक्कत आ रही है।' मंगल दोष, यह शब्द सुनते ही कई लोगों के मन में घबराहट पैदा हो जाती है। बाजार में ऐसे कई ज्योतिषी या विशेषज्ञ मौजूद हैं जो मंगल दोष के नाम न जानें कितने ही पैसे ले लेते हैं। लेकिन, क्या वाकई मंगल दोष इतना भयानक होता है? और सबसे महत्वपूर्ण, आप कैसे जानेंगे कि आपकी कुंडली में मंगल दोष है या नहीं?
आपको बता दें, हम सभी के जीवन में सुख-दुख, उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कई बार हम इन चुनौतियों के पीछे ग्रह दोष को जिम्मेदार ठहराते हैं, और इनमें से एक है मंगल दोष। ज्योतिष शास्त्र में मंगल दोष को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इतना ही नहीं, यह विवाह, स्वास्थ्य और स्वभाव पर भी असर डाल सकता है। लेकिन क्या वाकई आपकी कुंडली में मंगल दोष है?
आइए इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि मंगल दोष क्या है, यह कैसे बनता है, और सबसे महत्वपूर्ण तीन ऐसे तरीके जिनकी मदद से आप खुद ही अपनी कुंडली में मंगल दोष की है या नहीं। इसका पता लगा सकते हैं।
मंगलदोष क्या है?
ज्योतिष में मंगल को ऊर्जा, साहस, पराक्रम और जुनून का ग्रह माना जाता है। यह व्यक्ति के स्वभाव, संबंधों और जीवन के हर पहलुओं पर गहरा प्रभाव डालता है। जब मंगल अपनी सामान्य स्थिति से हटकर कुछ विशेष भावों में होता है, तो उसे मंगल दोष के रूप में देखा जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मंगल दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। ऐसा माना जाता है कि मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति के विवाह में देरी हो सकती है या वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। साथ ही व्यक्ति को गुस्सा बहुत आता है।
इन स्टैप्स से खुद ही पता करें कुंडली में मंगलदोष है या नहीं...
आप नीचे दिए गए तीन स्टेप्स के द्वारा खुद की पता लगा सकते हैं कि आपकी कुंडली में मंगलदोष है या नहीं...
पहला स्टेप-जन्मतिथि, जन्म समय और जन्म स्थान का पता लगाएं
- अपनी जन्मतिथि, जन्म समय और जन्म स्थान को सबसे पहले नोट करें।
- आजकल कई वेबसाइट्स और ऐप्स उपलब्ध हैं जो आपकी जन्मतिथि के आधार पर निःशुल्क कुंडली बनाते हैं। इसलिए आप फ्री ऑनलाइन कुंडली याजन्म कुंडलीमेकर जैसे कीवर्ड्स का उपयोग करके इन्हें ढूंढ सकते हैं।
- एक बार जब आपकी कुंडली बन जाए, तो उसे डाउनलोड कर लें।
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दूसरा स्टेप- कुंडली में कौन सा ग्रह किस स्थान पर है इसका पता लगाएं
कुंडली में 12 भाव होते हैं, जो अलग-अलग बॉक्स या खानों के रूप में दिखाई देते हैं। इन भावों के ऊपर 1 से 12 तक नंबर लिखे होते हैं, जो यह बताते हैं कि कौन सा ग्रह किस भाव में स्थित है। आपको लग्न यानी कि पहला भाव को पहचानना होगा, जो आपकी कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण बिंदू माना जाता है।
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तीसरा स्टेप- कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति देखें
अगर आपकी कुंडली में मंगल की स्थिति इन भाव पर दिखती है तो आपकी कुंडली में मंगलदोष हो सकता है।
- पहला भाव- यदि मंगल आपके पहले भाव में है, तो मंगल दोष बन सकता है।
- चौथा भाव - यदि मंगल चौथे भाव में है, तो भी मंगल दोष की संभावना है।
- सातवां भाव- यदि मंगल सातवें भाव में है, तो यह भी मंगल दोष का संकेत है।
- आठवां भाव- यदि मंगल आठवें भाव में स्थित है, तो इसे भी मंगल दोष माना जाता है।
- बारहवां भाव - यदि मंगल बारहवें भाव में है, तो भी मंगल दोष हो सकता है।
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Image Credit- HerZindagi
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