सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस साल हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त, दिन बुधवार को रखा जाएगा। हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इसके साथ ही व्रत कथा भी पढ़ी जाती है ताकि व्रत का संपूर्ण फल प्राप्त हो सके। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं हरियाली तीज की व्रत कथा के बारे में।
हरियाली तीज 2024 व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए घोर तप किया था। माता पार्वती ने 12 हजार वर्षों तक अन्न और जल का त्याग कर दिया और तपस्या में लीन भगवान शिव का ध्यान करती थीं।
12 हजार वर्षों के बाद उनकी तपस्या सफल हुई और भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिया। शिव जी ने जब माता पार्वती को देखा तो वह बहुत बुजुर्ग हो चुकी थीं। शिव जी ने उन्हें पुनः यौवन प्रदान कर पत्नी रूप में स्वीकारा था।
ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया था उस डिज्न सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि थी और तभी से इस तिथि पर सुहागिन महिलाओं द्वारा व्रत रखा जाने लगा।
मान्यता है कि जब भगवान शिव ने माता पार्वती को स्वीकार किया था तब सारी प्रकृति हरी-भरी हो उठी थी इसलिए ही इसका नाम हरियाली तीज पड़ा। इस दिन सौभाग्य प्राप्ति के लिए व्रत रखना बहुत हितकारी माना जाता है।
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शास्त्रों में लिखा है कि जो भी सुहागिन महिला इस दिन व्रत रख भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती है उसे अखंड सौभाग्य मिलता है। साथ ही, उसके वैवाहिक जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और मधुरता बढ़ती है।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह हरियाली तीज की व्रत कथा के बारे में जान सकती हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
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