हिंदू धर्म में गायत्री जयंती का विशेष महत्व है। यह दिन माता गायत्री के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें 'वेदमाता' भी कहा जाता है, क्योंकि चारों वेदों की उत्पत्ति उन्हीं से मानी जाती है। गायत्री जयंती ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखकर माता गायत्री की पूजा-अर्चना और गायत्री मंत्र का जाप करने का विधान है। अब ऐसे में इस दिन जो जातक मां गायत्री की पूजा कर रहे हैं, उन्हें कथा जरूर सुननी चाहिए। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से व्रत कथा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गायत्री जयंती के दिन जरूर पढ़ें व्रत कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी ने एक महायज्ञ का आयोजन किया। इस यज्ञ में पत्नी का साथ होना अनिवार्य था, परंतु उनकी पत्नी सावित्री किसी कारणवश वहाँ उपस्थित नहीं थीं। यज्ञ का शुभ मुहूर्त निकला जा रहा था और ब्रह्मा जी चिंतित थे। तब सभी देवताओं ने मिलकर एक समाधान निकाला। उन्होंने एक कन्या को प्रकट किया और ब्रह्मा जी से उनका विवाह करवा दिया, ताकि यज्ञ पूर्ण हो सके। यह कन्या और कोई नहीं, देवी गायत्री थीं। इस प्रकार, गायत्री माता ब्रह्मा जी की दूसरी पत्नी बनीं और उनके साथ मिलकर यज्ञ संपन्न हुआ।
वहीं दूसरी कथा के अनुसार, जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना का विचार किया, तो उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता थी। उन्होंने गहन तपस्या की और तब उनके चारों मुखों से माता गायत्री प्रकट हुईं। माता गायत्री ने ब्रह्मा जी को उनकी उत्पत्ति का उद्देश्य बताया और कहा कि वे गायत्री मंत्र का जाप करें, इसी से सृष्टि की रचना होगी। ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र का जाप करके ही चारों वेदों की रचना की, इसलिए माता गायत्री को "वेद माता" भी कहा जाता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, एक कथा ऋषि विश्वामित्र से जुड़ी है। माना जाता है कि प्रारंभ में गायत्री मंत्र केवल देवताओं तक ही सीमित था। परंतु ऋषि विश्वामित्र ने कठोर तपस्या और साधना करके मां गायत्री की महिमा, यानी गायत्री मंत्र को पृथ्वी पर जनसाधारण के लिए उपलब्ध कराया। उन्होंने इस दिव्य मंत्र का प्रचार-प्रसार किया, ताकि सभी लोग इससे लाभान्वित हो सकें और अज्ञानता का नाश हो सके।
गायत्री जयंती के दिन व्रत कथा पढ़ने का महत्व
मां गायत्री को ज्ञान, प्रकाश और सद्गुणों की देवी माना जाता है। उनकी कथा पढ़ने से व्यक्ति को बुद्धि, विवेक और ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गायत्री जयंती पर मां गायत्री की पूजा और कथा का पाठ करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। गायत्री जयंती पर विधि-विधान से पूजा और कथा का पाठ करने से ग्रह दोष और पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है।
इसे जरूर पढ़ें - गायत्री जयंती के दिन किस पेड़ की पूजा करने से मोक्ष की हो सकती है प्राप्ति?
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों