Gangaur Vrat 2025: गणगौर व्रत के दौरान कुंवारी कन्या जरूर करें ये उपाय, मिल सकता है मनचाहा जीवनसाथी

हिंदू धर्म में गणगौर व्रत का विशेष महत्व है। अब ऐसे में कुंवारी कन्याओं के लिए कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिसे करने से व्यक्ति को मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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हिंदू धर्म में गणगौर व्रत खासकर राजस्थान का व्रत है। पंचांग के अनुसार, यह व्रत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इतना ही नहीं, ऐसा कहा जाता है कि गणगौर व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से उपाय के बारे में जानते हैं।

कुंवारी कन्या मनचाहा जीवनसाथी के लिए करें हल्दी के उपाय

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गणगौर व्रत के दौरान कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी के लिए बेलपत्र के पत्ते पर हल्दी का लेप लगाकर उस पत्ते को भगवान शिव और माता पार्वती को चढ़ाएं। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती के मंत्रों का जाप विधिवत रूप से करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।

कुंवारी कन्या मनचाहा जीवनसाथी के लिए करें काले तिल के उपाय

गणगौर व्रत के दिन कुंवारी कन्या काले तिल के तेल से भगवान शिव का अभिषेक करें। साथ ही इस दिन कुंवारी कन्या अगर व्रत कथा सुन रही हैं तो काले तिल को अपने हाथ में लेकर कथा सुने और जब कथा सुन लें तो उस काले तिल को अपने ऊपर से 5 बार घुमाकर भगवान शिव की प्रतिमा के पास अर्पित कर दें। इससे लाभ हो सकता है।

कुंवारी कन्या मनचाहा जीवनसाथी के लिए करें चंदन के उपाय

गणगौर पूजा के दौरान, कुंवारी कन्याएं भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को चंदन का लेप लगाएं। इससे उन्हें मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति हो सकती है और सुख-समृद्धि में भी वृद्धि हो सकती है।

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कुंवारी कन्या मनचाहा जीवनसाथी के लिए करें सिंदूर के उपाय

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गणगौर पूजा के दौरान, माता गौरी को अर्पित किए गए सिंदूर को थोड़ा सा अपने पास रखें। रोजाना इस सिंदूर का तिलक लगाएं। आपको बता दें, गणगौर पूजा में सिंदूर का विशेष महत्व होता है। यह सुहाग का प्रतीक माना जाता है और माता गौरी को अर्पित किया जाता है। कुंवारी कन्याएं भी इस सिंदूर का प्रयोग करके मनचाहे जीवनसाथी की कामना करती हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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