Chhath Puja 2023: पहली बार कर रहे हैं छठ का व्रत तो इन बातों का रखें विशेष ध्यान

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा मनाई जाती है। इस दिन सूर्यदेव और छठी मैय्या की पूजा का विधान है। कठिन नियमों का पालन करते हुए 36 घंटों तक इस व्रत को रखा जाता है। 

 
rules for first time doing chhath puja fast

Chhath Puja Vrat Ke Niyam: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा मनाई जाती है। इस दिन सूर्यदेव और छठी मैय्या की पूजा का विधान है। कठिन नियमों का पालन करते हुए 36 घंटों तक इस व्रत को रखा जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि जो लोग पहली बार छठ पूजा कर रहे हैं और व्रत रख रहे हैं उन्हें किन नियमों का पालन करना चाहिए।

छठ पूजा व्रत के नियम (Chhath Puja Vrat Ke Niyam)

fasting rules while doing chhath puja for first time

छठ पूजा का पर्व नहाय-खाय के साथ शुरू होता है। इस दिन घर की साफ-सफाई की जाती है और सात्विक भोजन घर में बनाया जाता है। नहाय-खाय से ही घर (घर के दरवाजों से जुड़े वास्तु टिप्स) में लहसुन और प्याज का प्रयोग वर्जित माना जाता है। अगर आप पहली बार व्रत रख रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि छठ के पहले दिन से घर में तामसिक भोजन और प्याज-लहसुन का इस्तेमाल बंद कर दें।

छठ का प्रसाद केवल उन्हीं लोगों द्वारा बनाया जाता है जिन्होंने यह व्रत रखा हो ऐसे में अगर आपने व्रत रखा है तो आपको प्रसाद अवश्य बनाना चाहिए या प्रसाद बनाने में सहायता करनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि प्रसाद बनाते समय स्वच्छता और शुद्धता का पालन होना चाहिए। प्रसाद की पवित्रता भंग हुई तो प्रसाद पूजा में प्रयोग करने योग्य नहीं बच पाएगा।

doing chhath puja for first time rules

छठ के प्रसाद के लिए जिस अनाज का उपयोग किया जाता है उसे घर पर ही अच्छे से साफ करके धोना, कूटना और पीसना चाहिए। छठ का प्रसाद चूल्हेपर बनाया जाता है। इसे गैस स्टोव पर न बनाएं। इसके अलावा, छठी मैया को जो भी वस्तु अर्पित की जाती है वह पूर्ण होनी चाहिए यानी कि खंडित नहीं होनी चाहिए। पुष्प (देवी-देवताओं की पूजा में वर्जित पुष्प), फल आदि पर कीड़ा तक बैठना नहीं चाहिए।

यह भी पढ़ें:Chhath Puja Kab Hai 2023: कब है छठ पूजा? जानें नहाय खाय, खरना और अर्घ्य का शुभ समय

पूजा के दौरान पहनी जाने वाली साड़ी भी अखंडित होनी चाहिए यानी कि उस पर फॉल नहीं लगा होना चाहिए और न ही सुईं का उसपर इस्तेमाल हुआ होना चाहिए। छठ पूजा में बांस से बने सूप और टोकरी का इस्‍तेमाल किया जाता है। साथ ही, छठ का व्रत रखने वाले लोगों को चटाई बिछाकर जमीन पर सोना चाहिए। बिस्‍तर पर सोना वर्जित माना गया है।

अगर आप भी छठ पूजा का पर्व मनाते हैं तो इस लेख में दी गई जानकरी के माध्यम से यह जान लें कि पहली बार छठ का व्रत रखते समय किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए और क्यों। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image credit: freepik

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FAQ

  • छठ पूजा की शुरुआत कब और कैसे हुई?

    इस पर्व की शुरुआत द्वापर युग में हुई थी। तब महाभारत काल में कर्ण ने अपने पिता सूर्य की ख्याति को पाने के लिए इस पर्व को किया था।
  • छठ माता की सवारी क्या है?

    छठी माता का वाहन है बिल्ली।