(Chhath Puja 2023) आज दिनांक 17 नवंबर से लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा शुरू हो रहा है। इस पर्व का समापन दिनांक 20 नवंबर को होगा। यह महापर्व चार दिनों तक चलता है। जिसमें पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिव संध्या अर्घ्य और चौथे दिन सुबह अर्घ्य दते हुए समापन हो जाता है।
सूर्यदेव की उपासना करने के लिए यह सबसे बड़ा पर्व है। यह व्रत कुल 36 घंटों तक रखा जाता है। जो बेहद कठिन होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार छठ पूजा का पर्व संतान प्राप्ति, कुशलता, सुख-समृद्धि और दीर्घायु के लिए किया जाता है।
अब ऐसे में सूर्यदेव को अर्ध्य देने के दौरान कई लोग अंजाने में गलतियां कर देते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि सूर्यदेव को किस बर्तन से अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
सूर्यदेव को इस बर्तन से न दें अर्घ्य
छठ पूजा में सूर्यदेव को कभी स्टील, प्लास्टिक, कांच और चांदी के बर्तन से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। इससे सूर्यदेव (सूर्यदेव मंत्र) नाराज हो सकते हैं और व्यक्ति को कई तरह की समस्याएं भी झेली पड़ सकती है। इसलिए अर्घ्य देते समय ऐसी गलती कभी न करें।
सूर्यदेव को इस बर्तन से दें अर्घ्य
सूर्यदेव को हमेशा पीतल के बर्तन से अर्घ्य देना चाहिए। इससे मान-सम्मान की प्राप्ति होती है और सूर्यदेव भी बेहद प्रसन्न होते हैं। पीतल के बर्तन से अर्घ्य से व्यक्ति को कभई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
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छठ पूजा में मांसाहारी चीजों का सेवन न करें
छठ पूजा के इस महापर्व में सात्विक आहार ही खाना चाहिए। इससे मन और तन की शुद्धता बनी रहती है। इस पर्व में भूलकर भी मांसाहारी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
बिना सूर्य को अर्घ्य दिए न करें भोजन
ऐसी मान्यता है कि बिना सूर्यदेव को अर्घ्य दिए भोजन नहीं करना चाहिए। इससे छठी माता नाराज हो सकती हैं और छठ पूजा के व्रत का पूर्ण फल भी नहीं मिलता है।
बांस के सूप और टोकरी का करें इस्तेमाल
छठ पूजा के लिए बांस की टोकरी और सूप का इस्तेमाल करना चाहिए। प्लास्टिक और स्टील के बर्तन का कभी भी उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे सूर्यदेव नाराज हो सकते हैं।
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छठ पूजा का प्रसाद होना चाहिए शुद्ध
छठ पूजा के दौरान इस बात जरूर ध्यान रखें कि प्रसाद हमेशा शुद्ध होना चाहिए और इसे पूजा की समाप्ति होने पर ही खाना चाहिए। ऐसै करने से सूर्यदेव (सूर्यदोष उपाय) प्रसन्न होते हैं और शुभ फलों की भई प्राप्ति हो सकती है।
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Image Credit- Freepik
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