चातुर्मास, जिसे हिंदू धर्म में एक पवित्र अवधि माना जाता है। इस साल 17 जुलाई 2025 से शुरू होकर 13 नवंबर 2025 तक चलेगा. यह वह समय होता है जब भगवान विष्णु क्षीरसागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव संभालते हैं।ष यही कारण है कि चातुर्मास के दौरान भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस अवधि में शिव आराधना से भक्तों को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अब ऐसे चातुर्मास में भगवान शिव के स्तोत्र का पाठ करने का विधान है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से भगवान शिव के पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने के बारे में जानते हैं।
चातुर्मास में करें भगवान शिव के पंचाक्षर स्तोत्र का जाप
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,
तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥
मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,
नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।
मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,
तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥
शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,
सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,
तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥
वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,
मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,
तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥
यक्षस्वरूपाय जटाधराय,
पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय,
तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥
पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥
इसे जरूर पढ़ें - सावन के सोमवार व्रत में कौन-सा फल और अनाज खाना है सही, जानें उपवास में किस नमक का करना चाहिए सेवन
चातुर्मास में भगवान शिव के पंचाक्षर स्तोत्र का जाप करने का महत्व
पंचाक्षर स्तोत्र के जाप से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके जाप से सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त किया जा सकता है। नियमित रूप से पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से मन शांत रहता है, तनाव दूर होता है और जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाती है। यह स्तोत्र समस्त कष्टों का निवारण करता है। यह साधक के मन की शांति, शरीर में व्याप्त रोगों की निवृत्ति, संतान प्राप्ति, सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति में सहायता प्रदान करता है। ऐसी मान्यता है कि पंचाक्षर मंत्र का जाप करने वाले को कोई ग्रह पीड़ा नहीं रहती, क्योंकि सभी ग्रहों के मंत्र इस मंत्र से प्रकट हुए हैं। इस स्तोत्र का जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष या मुक्ति प्राप्त करने में मदद मिलती है, और यह उसे जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त करता है।
इसे जरूर पढ़ें - सोमवार के दिन ऐसे करें भगवान शिव की पूजा, मिलेगी सुख-समृद्धि और भोले बाबा का आशीर्वाद
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों