मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है और इसका हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने और पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति आती है, कष्ट दूर होते हैं और अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। वहीं, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि जून की मासिक शिवरात्रि के दिन अगर शिव जी के 12 मंत्रों का जपा किया जाए तो इससे और भी कई लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
जून मासिक शिवरात्रि 2025 भगवान शिव के 12 मंत्र
ॐ नमः शिवाय: यह भगवान शिव का सबसे मूल और शक्तिशाली मंत्र है जिसे 'पंचाक्षर मंत्र' भी कहते हैं। इसका जाप करने से मन शांत होता है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं और व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है।
ॐ नमो भगवते रुद्राय: यह 'रुद्र मंत्र' है जो भगवान शिव के उग्र रूप रुद्र को समर्पित है। इसका जाप करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, भय दूर होता है और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।
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महामृत्युंजय मंत्र: यह मंत्र लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और अकाल मृत्यु से रक्षा के लिए सबसे प्रभावी माना जाता है। इसका जाप रोगों से मुक्ति दिलाता है, भय को दूर करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्: यह भगवान शिव का 'गायत्री मंत्र' है। इसका जाप करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है। यह मन को एकाग्र करता है, निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है और आध्यात्मिक जागृति लाता है।
करपूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा वसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि॥: यह शिवजी की स्तुति का मंत्र है जो उनकी शांत और कल्याणकारी छवि का वर्णन करता है। इसका जाप करने से मन में शांति आती है।
ॐ शिवाय नमः यह 'शिव नाम मंत्र' है जो 'ॐ नमः शिवाय' का ही संक्षिप्त रूप है। इसका जाप करने से भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। यह मन को शुद्ध करता है, नकारात्मकता को दूर करता है, और व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करता है।
ॐ हौं जूं सः यह 'त्र्यंबक मंत्र' का बीज मंत्र है। इसका जाप विशेष रूप से रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है। यह बुरी शक्तियों से रक्षा करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
ॐ पार्वतीपतये नमः यह मंत्र भगवान शिव और माता पार्वती दोनों को समर्पित है। इसका जाप करने से वैवाहिक जीवन में सुख आता है, प्रेम बढ़ता है और परिवार में शांति बनी रहती है। अविवाहितों को यह मंत्र शीघ्र विवाह के लिए फलदायी माना जाता है।
नमो नीलकण्ठाय: यह मंत्र भगवान शिव के नीलकंठ स्वरूप को समर्पित है जिन्होंने विषपान करके सृष्टि की रक्षा की थी। इसका जाप करने से सभी प्रकार के विष और नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति मिलती है। यह संकटों को हरने वाला मंत्र है।
ॐ शर्वाय क्षितिगेशाय नमः यह भगवान शिव के 'शर्व' स्वरूप को समर्पित है जो पृथ्वी के स्वामी हैं। इस मंत्र का जाप करने से भूमि-भवन संबंधी विवादों में शांति मिलती है, संपत्ति का लाभ होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
ॐ भीमाय नमः यह भगवान शिव के 'भीम' स्वरूप को समर्पित है जो अत्यंत शक्तिशाली और पराक्रमी हैं। इसका जाप करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, साहस बढ़ता है और व्यक्ति निर्भीक बनता है।
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ॐ ईशानः सर्वविद्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपतिर्ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम्: यह 'ईशान मंत्र' है जो भगवान शिव को सभी विद्याओं का स्वामी और सभी प्राणियों का अधिपति बताता है। इसका जाप करने से ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
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