मासिक शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों को आत्मिक शांति मिलती है, मन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। जहां एक ओर अविवाहित लड़कियां मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए यह व्रत रखती हैं तो वहीं, दूसरी ओर विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की खुशियों के लिए करती हैं। इस दिन शिव मंत्रों का जाप और रात्रि जागरण करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि जून की मासिक शिवरात्रि कब पड़ रही है, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।
जून की मासिक शिवरात्रि का आरंभ 23 जून, सोमवार के दिन रात 10 बजकर 09 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 24 जून, मंगलवार के दिन शाम 6 बजकर 59 मिनट पर होगा। मासिक शिवरात्रि का व्रत उदयातिथि के आधार पर 24 जून को भी मनाया जाना चाहिए, मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजन निशिता काल में किया जाता है जो 23 जून पड़ रहा है। इसी कारण से मासिक शिवरात्रि का व्रत 23 जून को रखा जाएगा।
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मासिक शिवरात्रि यानी कि 23 जून को निशिता काल रात 11 बजकर 40 मिनट से 24 जून 2025 को रात 12 बजकर 21 मिनट तक है। यह मासिक शिवरात्रि की पूजा का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र समय होता है। शास्त्रों के अनुसार, निशिता काल में ही भगवान शिव 'लिंग रूप' में प्रकट हुए थे इसलिए इस समय की गई पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। इस समय शिव जी का अभिषेक, उनके मंत्रों का जाप और ध्यान करना श्रेष्ठ है।
23 जून को शाम 6 बजकर 52 मिनट से रात 8 बजकर 55 मिनट तक प्रदोष काल है। चूंकि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रहे हैं और सबसे ज्यादा शुभ संयोग इस बता का है कि दोनों व्रत सोमवार के दिन हैं, ऐसे में प्रदोष काल में शिव जी की संकल्प लेकर पूजा करने से मांगी हुई मनोकामना अवश्य पूरी होती है। इस समय शिव जी बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं।
अभिजीत मुहूर्त में भी मासिक शिवरात्रि की पूजा की जा सकती है जो सुबह 11 बजकर 33 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। यह दिन का सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है, जिसमें लगभग सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। अगर आप निशिता काल में पूजा नहीं कर पा रहे हैं या दिन में भी पूजा करना चाहते हैं, तो इस समय का उपयोग कर सकते हैं।
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मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और इसे करने से भक्तों को आत्मिक शांति मिलती है और मन की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत रोगों, दुखों, गरीबी और हर तरह के नकारात्मक प्रभावों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है। इस दिन शिव मंत्रों का जाप का अखंड जाप करने से जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
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