तुलसी को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र पौधे में से एक माना गया है। सुबह-शाम घरों में इस पौधे की पूजा और दीप दिखाया जाता है। भगवान विष्णु के सभी स्वरूप को तुलसी पत्र प्रिय है। बता दें कि भगवान श्री कृष्ण, विष्णु जी और हनुमान जी की पूजा तुलसी के बिना अधूरी है। तभी तो उनकी दैनिक पूजा के दौरान फूल माला के साथ तुलसी की पत्ती और मंजरी भी चढ़ाई जाती है। तुलसी के पत्तों का जितना धार्मिक महत्व है उतना ही आयुर्वेद में भी इसका महत्व है।
भगवान श्री कृष्ण, विष्णु और हनुमान जी को तुलसी के पत्ते और मंजरी के अलावा तुलसी के पत्ते और मंजरी से बनी माला भी बहुत प्रिय है। तभी तो लोग जब भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, तो उन्हें माला जरूर भेंट करते हैं। बहुत से लोग बाजार से माला खरीदकर लाते हैं, तो वहीं ज्यादातर लोग घर पर भी तुलसी की माला बनाते हैं। ऐसे भी भक्त हैं, जो तुलसी की माला को सुई-धागे से गूंथ कर बनाते हैं। इस पर लोगों का प्रश्न आता है कि क्या तुलसी के पत्तों को सुई-धागे से गूंथकर बनाना चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर हमने अपने पंडित जी से पुछा उसपर उन्होंने क्या कहा है, चलिए जानते हैं।
क्या तुलसी पत्ते की माला को सुई-धागे से गूंथ सकते हैं?
पंडित शिवम पाठक से जब हमने पुछा की क्या तुलसी पत्ते की माला (तुलसी माला पहनने का महत्व) को सुई-धागे से गूंथना चाहिए या नहीं? इस पर उन्होंने बताया कि तुलसी के पत्ते और मंजरी को कभी भी सुई से छेदकर नहीं गूंथना चाहिए। तुलसी और उसकी मंजरी में देवी तुलसी महारानी का वास होता है। जब आप तुलसी की पत्ते को सुई से छेदते हैं, तो उन्हें कष्ट होता है। ऐसे में कभी भी तुलसी के पत्तों को किसी भी चीज से छेदकर माला नहीं बनाना चाहिए। आप तुलसी पत्ते के डंठल को धागे से बांधते जाएं और गुच्छेदार माला बना सकते हैं, वह भी बिना सुई के इस्तेमाल के। तुलसी के पत्तों को सुई से छेदकर जब आप माला बनाते हैं, तो आपको पुण्य के बजाए पाप चढ़ता है। साथ ही भगवान भी आप से नाराज हो सकते हैं।
तुलसी पत्ते की माला कैसे बनाएं?
तुलसी पत्ते और मंजरी की माला बनाना बहुत आसान है। माला बनाने के लिए तुलसी के पत्ते और मंजरी के डंठल को बड़ा तोड़ लें और एक टोकरी या ट्रे में रखें। अब माला बनाने के लिए धागा लें, धागा का साइज नाप लें और काटकर उसके छोर से तुलसी के पत्तों की डंठल और मंजरी को बांधना शुरू करें (तुलसी माला पहनने के फायदे)। धीरे-धीरे सभी मंजरी और पत्तों को बांधते जाएं और आखिर में दोनों छोर को बांध लें। आपका माला तैयार है, भगवान के श्री चरणों में अर्पित कर उन्हें माला पहनाएं।
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Image Credit: amazonaws.com, getflowersdaily. com,(Youtube) Aaradhan Arts
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