Hanuman Jayanti Bajrang Baan Path: क्या है हनुमान जयंती पर बजरंग बाण का पाठ करने का महत्व, यहां जानें नियम और विधि

Bajrang Baan Path Kaise Kareहनुमान जयंती विशेष रूप से भक्तों के बीच भगवान हनुमान की भक्ति को दिखाने के अवसर के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की गई पूजा और नियम से किया गया बजरंग बाण का पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।
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हनुमान जयंती का पर्व भगवान श्रीराम के परम भक्त संकट मोचन हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन विभिन्न प्रकार के पूजन, जप, ध्यान और पाठ करते हैं जिससे वे हनुमान जी की कृपा प्राप्त कर सकें। इन्हीं पाठों में से एक अत्यंत प्रभावशाली और चमत्कारी पाठ होता है बजरंग बाण का पाठ। बजरंग बाण को तुलसीदास जी ने रचा था और यह पाठ हनुमान जी की शक्ति, पराक्रम और चमत्कारी स्वरूप का सजीव वर्णन करता है।

ऐसा माना जाता है कि हनुमान जयंती जैसे विशेष पर्व पर श्रद्धा और विधि-विधान से बजरंग बाण का पाठ करने से जीवन में आ रही कई तरह की बाधाओं, शत्रु दोष, भय, मानसिक तनाव और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें हनुमान जयंती के दिन किए जाने वाले बजरंग बाण के पाठ के महत्व और उसके नियमों के बारे में विस्तार से।

बजरंग बाण का महत्व क्या है

बजरंग बाण एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली स्तुति मानी जाती है, जिसे भगवान हनुमान के परम भक्त गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा था। यह पाठ हनुमान जी की वीरता, शक्ति और संकट निवारण करने वाली दिव्य शक्तियों का गुणगान करता है। इस स्तुति में ‘बजरंग’ शब्द हनुमान जी के बलवान स्वरूप को दिखाता है, जबकि ‘बाण’ का अर्थ है तीर-अर्थात् यह पाठ किसी भी तरह की समस्याओं पर सीधे ही प्रहार करता है और उन्हें दूर करता है।

बजरंग बाण का नियमित और श्रद्धा पूर्वक पाठ करने से व्यक्ति को अद्भुत मानसिक शक्ति, साहस और आत्मबल प्राप्त होता है। यह पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है जो शत्रु बाधा, नकारात्मक ऊर्जा, भय, रोग या मानसिक तनाव से ग्रस्त होते हैं।

हनुमान जयंती के पावन अवसर पर बजरंग बाण का पाठ करने से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त दृष्टि प्राप्त होती है। बजरंग बाण का पाठ करने से न केवल भौतिक संकटों को दूर किया जा सकता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होता है। ऐसा माना जाता है कि बजरंग बाण का पाठ करने वाले साधक की रक्षा स्वयं हनुमान जी करते हैं और उसके जीवन में आने वाली बाधाएं शीघ्र ही समाप्त हो जाती हैं।

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हनुमान जयंती पर बजरंग बाण पाठ के नियम

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हनुमान जयंती के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति को कई गुना पुण्य फल प्राप्त होते हैं, लेकिन इसका पाठ करते समय आपको कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है, जिससे इसका पूर्ण लाभ मिले। आइए जानें उन नियमों के बारे में विस्तार से-

बजरंग बाण से पहले पवित्रता बनाए रखें

यदि आप हनुमान जयंती के दिन बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो इस पाठ को शुरू करने से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और मन को शांत करें हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें और पाठ आरंभ करें। आप पाठ को शुरू करने के साथ हनुमान जी के आगे फूल अर्पित करें।

बजरंग बाण पाठ के समय दिशा का रखें ध्यान

यदि आप बजरंग बाण का पाठ कर रहे हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि आप सही दिशा की तरफ बैठकर इसका पाठ करें। जब भी आप पूजा से जुड़ी किसी भी स्तुति का पाठ कर रहे हैं तो आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। यह दिशा हनुमान जी से संबंधित मानी जाती है और इस दिशा की तरफ किया गया पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

शुद्ध उच्चारण और श्रद्धा से करें बजरंग बाण का पाठ

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आपको ध्यान देने की जरूरत है कि बजरंग बाण का पाठ करते समय मन में कोई भी नकारात्मक विचार न लाएं। यदि आपके मन में किसी भी तरह के नकारात्मक भाव आते हैं तो यह आपके लिए शुभ नहीं होगा और पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलेगा। बजरंग बाण के आरंभ और समापन के समय श्री राम का नाम अवश्य लें। हमेशा आप ऐसे स्थान पर बैठकर ही पाठ करें जहां शांति और सकारात्मक ऊर्जा मौजूद हो।

बजरंग बाण पाठ करने का सही समय

बजरंग बाण का पाठ भक्तों के लिए अत्यंत प्रभावशाली और चमत्कारी जाता है और इसे श्रद्धा एवं विश्वास के साथ किसी भी समय करना शुभ माना जाता है। लेकिन यदि आप इसका पाठ विशेष फल प्राप्त करने की कामना से कर रहे हैं, तो समय का चयन भी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। हनुमान जयंती जैसे पवित्र दिन पर बजरंग बाण का पाठ करने से विशेष पुण्य और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।

ज्योतिष और धर्मशास्त्रों के अनुसार, इस दिन ब्रह्ममुहूर्त अर्थात् प्रातः 4 बजे से 6 बजे के बीच यह पाठ करना अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। इस समय वातावरण शांत, शुद्ध और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण होता है, जिससे इस पाठ का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। यदि आप किसी कारण से सुबह पाठ नहीं कर पाए हैं, तो शाम के समय और सूर्यास्त के बाद भी बजरंग बाण का पाठ किया जा सकता है। यह समय भी साधना और उपासना के लिए अनुकूल माना जाता है।

हनुमान जयंती के दिन बजरंग बाण पाठ करने के लाभ

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वैसे तो बजरंग बाण का पाठ किसी भी दिन करना शुभ माना जाता है, लेकिन यदि आप यह पाठ हनुमान जयंती के दिन करते हैं तो इसके लाभ और ज्यादा बढ़ जाते हैं।

  • बजरंग बाण का पाठ करते ही व्यक्ति के जीवन में आ रहे अचानक संकट, भय और सभी बाधाएं दूर होने लगती हैं।
  • अगर किसी घर या व्यक्ति पर बुरी नजर या नकारात्मक ऊर्जा का असर है, तो बजरंग बाण उस प्रभाव को तुरंत खत्म कर सकता है।
  • बजरंग बाण पाठ के मंत्रात्मक प्रभाव से मन में साहस, आत्मबल और शांति का संचार होता है। जिससे व्यक्ति को तनाव, अवसाद और भय से मुक्ति मिलती है।
  • अगर किसी व्यक्ति को कार्यक्षेत्र, सामाजिक या व्यक्तिगत जीवन में शत्रुओं से परेशानी हो रही हो, तो यह पाठ उन्हें परास्त कर सकता है।
  • बजरंग बाण का प्रभाव उन कारणों को भी दूर करता है जो आर्थिक समस्याएं उत्पन्न करते हैं।
  • कई लोग विशेष मनोकामना को लेकर 11, 21 या 108 बार बजरंग बाण का पाठ करते हैं और उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं।

यदि आप भी हनुमान जयंती के दिन बजरंग बाण का पाठ करते हैं तो आपके जीवन के विभिन्न कष्ट दूर हो सकते हैं और आपको भय से मुक्ति भी मिल सकती है।
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Images: freepik.com

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