puja mistakes to avoid in ashad month

आषाढ़ माह के दौरान घर में पूजा करते समय न करें ये गलतियां, पड़ सकता है उल्टा प्रभाव

आषाढ़ माह में संकल्प लेकर पूजा करने से चातुर्मास की सारी अशुभता दूर हो जाती है और भगवान विष्णु की कृपा घर पर बनी रहती है, लेकिन अगर आप आषाढ़ माह में पूजा के दौरान गलतियां कर बैठते हैं तो इसका बहुत अशुभ प्रभाव आपके घर पर पड़ता है। 
Editorial
Updated:- 2025-06-18, 17:26 IST

आषाढ़ का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार चौथा महीना होता है और इसे विशेष रूप से देवशयनी एकादशी के कारण महत्वपूर्ण माना जाता है जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। शास्तों में बताया गया है कि आषाढ़ माह में संकल्प लेकर पूजा करने से चातुर्मास की सारी अशुभता दूर हो जाती है और भगवान विष्णु के निद्रा में जाने के बाद भी उनकी कृपा घर पर बनी रहती है, लेकिन अगर आप आषाढ़ माह में पूजा के दौरान गलतियां कर बैठते हैं तो इसका बहुत अशुभ प्रभाव आपके घर पर पड़ता है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि आषाढ़ माह में पूजा के दौरान कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।

आषाढ़ माह में पूजा के दौरान न तोड़ें तुलसी

आषाढ़ के महीने में तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, यह माह भले ही भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ हो, लेकिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से उसका सकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।

ashadh mah mein puja ke dauran na kare ye galtiya

आषाढ़ महा में तुलसी के पत्ते तोड़ने से भगवान विष्णु अप्रसन्न हो सकते हैं। इससे पूजा का पूरा फल नहीं मिलता और घर में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है जिससे धन हानि और पारिवारिक क्लेश जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

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आषाढ़ माह में पूजा के दौरान न बैठें जमीन पर

आषाढ़ माह में पूजा करते समय आसन बिछाकर बैठना बहुत जरूरी है। ज्योतिष के अनुसार, सीधे जमीन पर बैठकर पूजा करने से जमीन की नकारात्मक ऊर्जा शरीर में प्रवेश कर सकती है जिससे पूजा का पूरा फल नहीं मिलता और मन एकाग्र नहीं हो पाता। साथ ही, जमीन पर बैठने से शरीर की सकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है और पूजा के दौरान उत्पन्न होने वाली आध्यात्मिक शक्ति भी कमजोर पड़ने लग जाती है।

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आषाढ़ माह में पूजा के दौरान न लाएं ऐसे विचार

आषाढ़ के महीने में पूजा करते समय मन में नकारात्मक विचार लाना ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत हानिकारक माना जाता है। इस समय जब धार्मिकता का माहौल होता है, तब नकारात्मक विचार जैसे क्रोध, ईर्ष्या, लोभ या किसी का बुरा सोचना आपकी पूजा के सकारात्मक प्रभाव को कमजोर कर देता है। ये विचार आपकी एकाग्रता भंग करते हैं और ईश्वर से जुड़ने में बाधा डालते हैं जिससे आपकी प्रार्थनाएं स्वीकार नहीं होती हैं।

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FAQ
आषाढ़ माह में कौन से फूल भगवान को चढ़ाएं?
आषाढ़ माह में भगवान को कनेर, कमल, चंपा, पलाश, आक, अशोक, और कुटज के फूल चढ़ाए जा सकते हैं।
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