आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में लगाएं इन अलग-अलग चीजों का भोग, माता रानी होंगी प्रसन्न

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों को प्रसन्न करने के लिए हर दिन अलग-अलग भोग लगाए जाते हैं। पहले दिन शैलपुत्री को सफेद मिठाई, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी को फल और तीसरे दिन चंद्रघंटा को दूध इसी तरह नौ दिनों तक सिद्धिदात्री को भोग अर्पित किया जाता है। कहते हैं इससे मातारानी प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
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हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व का विशेष महत्व होता है। ये नौ दिन देवी दुर्गा की आराधना का महापर्व होता है और भक्त हर साल बड़े धूमधाम से मनाते हैं। साल में चार नवरात्रि आती हैं,जिनमें चैत्र, शारदीय, माघ गुप्त और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शामिल हैं। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, इनमें से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का अलग ही महत्व बताया गया है। यह नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक साधनाओं, गुप्त मनोकामनाओं की पूर्ति और दस महाविद्याओं की उपासना के लिए समर्पित होती है। इन नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ-साथ दस महाविद्याओं की भी पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा और उपाय सामान्य नवरात्रि से कहीं अधिक फलदायी होते हैं, क्योंकि इनमें गुप्त रूप से देवी की उपासना की जाती है। अगर आप इस आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मातारानी को प्रसन्न कर उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो हर दिन उनके अलग-अलग स्वरूपों को उनकी पसंद के अनुसार भोग लगाना अत्यंत शुभ हो सकता है। ऐसा करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करती हैं। आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में किस देवी को कौन सा भोग लगाना चाहिए, इस बारे में जानते हैं।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों के लिए विशेष भोग

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, साल 2025 में गुप्त नवरात्रि 26 जून दिन गुरुवार से शुरू हो रही है और 4 जुलाई दिन शुक्रवार तक रहेगी। इन नौ दिनों में हर दिन देवी के एक विशेष स्वरूप की पूजा की जाती है और उन्हें उनकी पसंद का भोग अर्पित किया जाता है। उन भोग के बारे में आगे बताया गया है।

Navratri day 1 Bhog for Maa Shailputri kheer

पहला दिन- मां शैलपुत्री के लिए भोग

मां शैलपुत्री को शुद्ध घी या सफेद मिठाई का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इससे आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है। यह देवी पार्वती का पहला स्वरूप है, जो हिमालय की पुत्री हैं। यह स्थिरता और शक्ति का प्रतीक हैं।

दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी के लिए भोग

Day 2 Navratri Bhog

मां ब्रह्मचारिणी को फल, विशेषकर सेब या केला का भोग लगाएं। इससे दीर्घायु और इच्छाशक्ति बढ़ती है। यह देवी तपस्या और वैराग्य का प्रतीक हैं। उनकी पूजा से संयम और साधना में सफलता मिलती है।

तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा के लिए भोग

मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी मिठाइयों जैसे खीर या रबड़ी का भोग लगाएं। इससे मानसिक शांति और कष्टों से मुक्ति मिलती है। यह देवी साहस और निडरता का प्रतीक हैं। इनकी उपासना से भय दूर होता है।

चौथा दिन- मां कूष्मांडा के लिए भोग

Ashadha Navratri Day 4 bhog Malpua

मां कूष्मांडा को मालपुआ या मीठा पुआ का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे बुद्धि और आरोग्य में वृद्धि होती है। यह देवी सृष्टि की जननी मानी जाती हैं, जिन्होंने अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड का निर्माण किया।

पांचवां दिन- मां स्कंदमाता के लिए भोग

मां स्कंदमाता को केला का भोग लगाएं। इससे शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और परिवार में प्रेम बढ़ता है। यह देवी भगवान कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं और मातृत्व का प्रतीक हैं। इनकी पूजा से संतान सुख मिलता है।

छठा दिन- मां कात्यायनी के लिए भोग

Day 6 Navratri 2025 bhog for Maa Katyayani honey

मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं। इससे आकर्षण शक्ति बढ़ती है और रिश्ते मधुर होते हैं। यह देवी साहस और शक्ति का प्रतीक हैं, जिन्होंने महिषासुर का वध किया था।

सातवां दिन- मां कालरात्रि के लिए भोग

मां कालरात्रि को गुड़ या गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाएं। इससे शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और भय से मुक्ति मिलती है। यह देवी दुष्टों का नाश करने वाली और भक्तों को शुभ फल प्रदान करने वाली हैं।

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आठवां दिन- मां महागौरी के लिए भोग

Day 8 Navratri Bhog for Maa Mahagauri

मां महागौरी को नारियल या नारियल से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं। इससे संतान संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-शांति मिलती है। यह देवी पवित्रता, शांति और ज्ञान का प्रतीक हैं। इनकी पूजा से पाप नष्ट होते हैं।

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नौवां दिन- मां सिद्धिदात्री के लिए भोग

मां सिद्धिदात्री को हलवा-पूरी, चना और खीर का भोग लगाएं। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। यह देवी सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करने वाली हैं। इनकी पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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Image credit- Herzindagi


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