आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी बहुत ही विशेष मानी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन का अंधकार दूर होता है और संकटों का नाश होने लगता है। मान्यता है कि आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणेश की आराधने करते हुए अगर उन्हें किसी मनोकामना पूर्ति के संकल्प के साथ दूर्वा चढ़ाई जाए तो इससे वह इच्छा अवश्य पूरी होती है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि इस साल कब पड़ रही है आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।
आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2025 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 28 जून को सुबह 09 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन, 29 जून को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। चूंकि उदया तिथि के अनुसार व्रत रखा जाएगा, इसलिए विनायक चतुर्थी की पूजा 28 जून को की जाएगी।
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आषाढ़ विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा के लिए मध्याह्न का समय सबसे उत्तम माना जाता है। 28 जून 2025 को गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 01 मिनट से दोपहर 01 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में आप भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
इसके अलावा, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक रहेगा जिसमें विनायक चतुर्थी का दान करना उत्तम सिद्ध होगा और और अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भी गणेश जी की पूजा करना शुभ फलदायी होगा।
आषाढ़ विनायक चतुर्थी पर रवि योग सुबह 06 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 29 जून को सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में दान न कर पाएं तो रवि योग में दान करना भी अत्यंत शुभ सिद्ध हो सकता है। इस दिन वृद्धि योग का भी विशेष निर्माण हो रहा है।
वृद्धि योग दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और तिथि समापन तक रहेगा। इस योग में आप किसी भी शुभ काम को कर सकते हैं या हवन-अनुष्ठान करना भी इस योग में हितकारी होगा। इससे दोगुने फल की प्राप्ति होगी। वृद्धि योग में की गई पूजा जीवन में सुख-समृद्धि को बढ़ाने का काम करती है।
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आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2025 महत्व
हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है, लेकिन आषाढ़ माह की चतुर्थी का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और संकट दूर होते हैं। इससे बुद्धि, ज्ञान, धन और बल में वृद्धि होती है।
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