ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अपरा एकादाशी इस साल 20 मई, मंगलवार के दिन पड़ रही है। जहां एक ओर अपरा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पाप कर्मों के फलों से छुटकारा मिल जाता है तो वहीं, दूसरी ओर इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए उनके समक्ष दीपक प्रज्वलित करना भी बहुत शुभ माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में यह उल्लेख मिलता है कि अपरा एकादशी के दिन यूं तो आप कोई सा भी दीपक भगवान विष्णु के लिए जला सकते हैं लेकिन आटे का दीया जलाने का विशेष महत्व है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि अपरा एकादशी के दिन आटे का दीया जलाने से क्या होता है।
अपरा एकादशी के दिन आटे का दीया जलाने के लाभ
ज्योतिष में आटा पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। एकादशी भगवान विष्णु की पूजा का दिन है और पृथ्वी तत्व से बने दीये को जलाना स्थिरता और नींव को दर्शाता है। यह आपके संकल्प को दृढ़ करने और भगवान विष्णु के प्रति आपकी भक्ति को स्थिर बनाने में सहायक हो सकता है।
आटा एक शुद्ध और सात्विक सामग्री मानी जाती है। किसी भी पूजा में शुद्ध सामग्री का उपयोग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। अपरा एकादशी पर आटे का दीया जलाने से घर और आसपास का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक बना रहता है, जिससे पूजा का फल अधिक मिलता है।
यह भी पढ़ें:Apara Ekadashi 2025: अपरा एकादशी के व्रत से कौन-कौन से पाप होते हैं दूर?
ज्योतिष में दीये की रोशनी को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने वाला माना जाता है। आटे का दीया जलाने से घर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। अपरा एकादशी के दिन, जब भक्त आध्यात्मिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं, यह उपाय उन्हें बुरी शक्तियों से बचाने में मदद कर सकता है।
विभिन्न प्रकार के तेल और दीयों का उपयोग अलग-अलग ग्रहों को शांत करने में मदद कर सकता है। यदि आप आटे का दीया जलाते हैं और उसमें गाय का घी या तिल का तेल डालते हैं, तो यह सूर्य और शनि देव को प्रसन्न कर सकता है। हालांकि, अपरा एकादशी पर किस तेल का उपयोग करना चाहिए, इसके लिए विशिष्ट मार्गदर्शन के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह लेना उचित होगा।
आटे का दीया पितरों की शांति और आशीर्वाद के लिए भी जलाया जाता है। अपरा एकादशी पितरों को मुक्ति दिलाने वाली एकादशी मानी जाती है, इसलिए आटे का दीया जलाकर उनका स्मरण करना और आशीर्वाद प्राप्त करना फलदायी हो सकता है।
यह भी पढ़ें:Apara Ekadashi Kab Hai 2025: कब पड़ रही है अपरा एकादशी? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
आटे का दीया बनाना और जलाना एक सरल और सहज प्रक्रिया है, जो सच्ची भक्ति का प्रतीक है। भगवान विष्णु भाव के भूखे हैं, और आपकी श्रद्धापूर्वक की गई कोई भी सेवा उन्हें प्रसन्न कर सकती है। आटे का दीया आपकी निष्ठा और समर्पण को दर्शाता है।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों