
31 दिसंबर 2025 बुधवार का दिन केवल वर्ष का अंतिम दिन ही नहीं है बल्कि शुभ संयोग का अद्भुत संगम है। आज पौष शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है और सर्वार्थ सिद्धि योग भी है। ज्योतिष शास्त्र में यह एक ऐसा सहयोग माना जाता है जिसमें किया गया कर्म अनुकूल फल प्रदान करता है। यही कारण है कि इस योग को संकल्प सिद्धि का योग भी कहा जाता है। आज बुधवार का दिन बुध ग्रह से जुड़ा हुआ है और बुद्धि विवेक के दाता भगवान गणपति को समर्पित है। वर्ष के अंतिम दिन बुध के प्रभाव से गणेश जी का पूजन करें विद्या, बुद्धि और विवेक निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है।
इस दिन किया गया गणेश जी का पूजन समस्त विकारों को काटता है। ऐसे में आज के दिन पुरानी जितनी भी गलत कर्म है इन सब का त्याग कर देना चाहिए। आज चंद्रमा मेष राशि में रहेगा और कृतिका नक्षत्र में कृति का नक्षत्र को पॉजिटिव नक्षत्र माना जाता है क्योंकि यह नक्षत्र नकारात्मक चीजों को हटाने वाला है। सर्वार्थ सिद्धियोग का अर्थ क्या है कि मन में चल रहे भ्रम को खत्म करके नए जीवन की शुरुआत करना और अपने एक लक्ष्य को लेकर के चलना। ऐसे में आज का यह योग अद्भुत है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष शुक्ल द्वादशी | कृत्तिका | बुधवार | साघ्य | बव |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06 बजकर 50 मिनट |
| सूर्यास्त | शाम 05 बजकर 35 मिनट |
| चंद्रोदय | दोपहर 02 बजकर 20 मिनट |
| चंद्रास्त | रात 04 बजकर 29 मिनट |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक |
| अभिजीत मुहूर्त | नहीं है |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05 बजकर 32 मिनटसे 06 बजकर 00 मिनट तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 12 बजकर 17 मिनटसे 12 बजकर 41 मिनट तक |
| सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 7 बजकर 14 मिनट से सुबह 7 बजकर 14 मिनट तक (अगले दिन) |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | दोपहर 12:13 से 01:33 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 08:59 से 09:42 बजे तक |
| गुलिक काल | सुबह 10:52 से 12:13 बजे तक |

वर्ष के अंतिम दिन को लेकर साइकोलॉजिकल रूप से लोगों को एक्साइटमेंट होता है की जो भी इस वर्ष हमारे साथ हुआ वह आज ही खत्म हो जाए और कल से हम एक नए जीवन की शुरुआत करें। ज्योतिष की दृष्टि में देखा जाए तो आज के इस योग में गणेश जी का पूजन अनंत गुना फल प्रदान करता है। आज के दिन पूजन करने से लोगों के अधूरे कार्य पूर्ण होते हैं और जो किसी तरह का गलत निर्णय लिया गया है उससे भी आज छुटकारा मिलता है। बुधवार के दिन गणेश जी के पूजन करने से निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है।
पंचांग के अनुसार द्वादशी तिथि का नाम यशोबला भी है क्योंकि कहां जाता है कि इस दिन पूजन करने से यासर बाल की प्राप्ति होती है और द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु है। इस दिन विशेष रूप से भगवान श्री हरि का पूजन भी करना चाहिए। द्वादशी तिथि जब भी बुधवार को आती है तो यह सिद्धा कहलाती है। यह तिथि संतान सुख और समाज में मान सम्मान की प्राप्ति करती है। इस दिन किसी भी तरह से भावनाओं में भाकर के निर्णय नहीं लेना चाहिए।
आज के दिन शाम के समय गणेश जी को 11 मोदक चढ़ावे। विष्णु जी या शिव जी के मंदिर में गुलाब का इत्र अवश्य चढ़ावे। आज के दिन हरी चीजों का दान अवश्य करें जैसे की हरी सब्जी हरा कपड़ा या फिर सबूत मूंग। आज घर के मुख्य द्वार पर जी का दीपक अवश्य जलाएं।
इसे भी पढ़ें-
हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।