7 जुलाई 2025, सोमवार का दिन रहेगा। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी जो कृष्ण पक्ष की समाप्ति के बाद नए चंद्र मास की शुरुआत का प्रतीक है। ग्रहों की स्थिति देखें तो, चंद्रमा मिथुन राशि में रहेंगे और सूर्य भी मिथुन राशि में ही होंगे। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र का प्रभाव रहेगा जिसे शुभ माना जाता है। यह दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए अच्छा रहेगा खासकर आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यों के लिए। राहुकाल दिन के आरंभ में रहेगा, इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आज शिव पूजन के लिए कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं।
आज का पंचांग 7 जुलाई 2025
तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
आषाढ़ शुक्ल द्वादशी | अनुराधा | सोमवार | शुभ | बव |
आज सूर्य और चंद्रमा का समय 7 जुलाई 2025
प्रहर | समय |
सूर्योदय | सुबह 05:29 बजे |
सूर्यास्त | शाम 07:23 बजे |
चंद्रोदय | शाम 04:35 बजे |
चंद्रास्त | रात 02:05 बजे |
आज का शुभ मुहूर्त और योग 7 जुलाई 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 04:08 बजे से सुबह 04:49 बजे तक |
अभिजीत मुहूर्त | सुबह 11:58 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक |
अमृत काल मुहूर्त | दोपहर 01:43 बजे से दोपहर 03:29 बजे तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक |
गोधूलि मुहूर्त | शाम 07:21 बजे से शाम 07:42 बजे तक |
सर्वार्थ सिद्धि योग | सुबह 05:29 बजे से 8 जुलाई की सुबह 01:11 बजे तक |
आज का अशुभ मुहूर्त 7 जुलाई 2025
मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
राहु काल | सुबह 07:14 बजे से सुबह 08:58 बजे तक |
गुलिक काल | दोपहर 02:10 बजे से दोपहर 03:54 बजे तक |
यमगंड | सुबह 10:42 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक |
दुर्मुहूर्त | दोपहर 12:54 बजे से दोपहर 01:49 बजे तक |
दिशा शूल | पूर्व दिशा |
आज व्रत और त्योहार 7 जुलाई 2025
वासुदेव द्वादशी एक पवित्र हिंदू त्योहार है जो भगवान श्री कृष्ण के पिता वासुदेव और उनकी माता देवकी को समर्पित है। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन उन भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो संतान की प्राप्ति या अपने बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं।
इस दिन भक्त सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं और स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं। इसके बाद, वे भगवान वासुदेव और माता लक्ष्मी की मूर्तियों या चित्रों को गंगाजल से शुद्ध करके उनकी पूजा करते हैं। इस पूजा में फूल, फल, मिठाई और अन्य पवित्र वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। कई लोग इस दिन उपवास भी रखते हैं जिसमें कुछ भक्त बिना पानी के 'निर्जला व्रत' रखते हैं जबकि कुछ 'फलाहार व्रत' का पालन करते हैं जिसमें केवल फल और दूध का सेवन किया जाता है।
भगवान कृष्ण और वासुदेव से जुड़े मंत्रों का जाप किया जाता है और उनकी कहानियों को सुना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि मिलती है। यह त्योहार चतुर्मास की शुरुआत का भी प्रतीक है जो भगवान विष्णु के शयन काल का चार महीने का पवित्र समय होता है।
आज का उपाय 7 जुलाई 2025
चूंकि 7 जुलाई 2025 को सोमवार है, जो भगवान शिव को समर्पित है, आप उनके आशीर्वाद के लिए कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें। साथ में बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल और अक्षत भी चढ़ा सकते हैं। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। इससे मन को शांति मिलती है और कष्ट दूर होते हैं।
सोमवार के दिन दूध और काले तिल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। आप इसे किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को दे सकते हैं। इससे राहु और चंद्रमा से संबंधित दोष कम होते हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है या आप मानसिक शांति चाहते हैं, तो किसी ज्योतिषी की सलाह से एक मुखी या दो मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। इसे धारण करने से पहले उचित विधि-विधान से इसे सिद्ध करवाना चाहिए।
सोमवार के दिन हल्के रंग के या सफेद वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यह चंद्रमा ग्रह को मजबूत करता है और मन को शांत रखता है। चूंकि यह वासुदेव द्वादशी भी है, जो भगवान विष्णु और उनके अवतार भगवान कृष्ण को समर्पित है, आप इन उपायों को भी कर सकते हैं। इस दिन भगवान विष्णु या भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें। उन्हें पीला चंदन, पीले फूल, तुलसी दल और भोग अर्पित करें। 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें। यह आपको सुख-समृद्धि और संतान संबंधी इच्छाओं की पूर्ति में मदद करेगा।
पूजा के बाद प्रसाद के रूप में तुलसी दल का सेवन करें। तुलसी को भगवान विष्णु का प्रिय माना जाता है और इसे खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना और पीले रंग की वस्तुओं जैसे चना दाल, हल्दी, पीले वस्त्र का दान करना शुभ होता है। यह भगवान विष्णु को प्रसन्न करता है और गुरु ग्रह को मजबूत करता है, जिससे ज्ञान, धन और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर संभव हो तो गाय को हरा चारा या गुड़ खिलाएं। गाय को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है और उसकी सेवा करने से सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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image credit: herzindagi
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