19 जून 2025 का चौघड़िया मुहूर्त धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी, जिसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। गुरुवार का दिन होने के कारण यह भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है इसलिए इस दिन इनकी पूजा करना विशेष फलदायी होगा। आज शीतलाष्टमी व्रत भी है, जो माता शीतला देवी को समर्पित है। साथ ही, पूरे दिन पंचक रहेगा जिसे कुछ शुभ कार्यों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। वहीं, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि चूंकि यह राज पंचंक है तो ऐसे में प्रॉपर्टी की डील फाइनल करना शुभ रहेगा और इसके लिए शुभ मुहूर्त देखना अनिवार्य है तो चलिए जानते हैं आज दिन और रात का चौघड़िया मुहूर्त।
आज का चौघड़िया मुहूर्त 19 जून 2025 (सूर्योदय से सूर्यास्त तक)
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय | मुहूर्त का महत्व |
शुभ (शुभ) | सुबह 05:23 बजे से 07:07 बजे तक | नया कार्य, मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, यात्रा के लिए शुभ |
रोग (अशुभ) | सुबह 07:07 बजे से 08:52 बजे तक | नए कार्य की शुरुआत, यात्रा या लेन-देन से बचें |
उद्वेग (अशुभ) | सुबह 08:52 बजे से 10:37 बजे तक | चिंता या परेशानी का समय |
चर (शुभ) | सुबह 10:37 बजे से 12:22 बजे तक | जीवन में बदलाव का समय |
19 जून 2025 दिन के अन्य चौघड़िया मुहूर्त
लाभ (शुभ) - दोपहर 12:22 बजे से 02:07 बजे तक। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह चौघड़िया लाभ और उन्नति के लिए बहुत शुभ होता है। व्यापारिक लेन-देन, नया व्यवसाय शुरू करने, या किसी भी कार्य में लाभ की इच्छा रखने के लिए यह उत्तम समय है। यह धन-धान्य में वृद्धि करता है।
अमृत (शुभ) - दोपहर 02:07 बजे से 03:51 बजे तक। यह चौघड़िया सबसे शुभ माना जाता है। 'अमृत' का अर्थ है अमरता या अविनाशी। इस समय में किए गए कार्य स्थायी फल देते हैं और सफलता सुनिश्चित करते हैं। सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए यह उत्तम समय है।
काल (अशुभ) - दोपहर 03:51 बजे से 05:36 बजे तक। यह चौघड़िया अशुभ होता है। 'काल' का अर्थ है मृत्यु या अंत। इस समय में कोई भी नया कार्य या शुभ कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। यह वाद-विवाद, झगड़े या नुकसान का कारण बन सकता है।
शुभ (शुभ) - शाम 05:36 बजे से 07:22 बजे तक। दिन का अंतिम चौघड़िया फिर से शुभ होता है। यह दिन के शुभ कार्यों को समाप्त करने या शाम की पूजा-पाठ के लिए उत्तम है।
आज रात का चौघड़िया मुहूर्त 19 जून 2025 (सूर्यास्त से अगले सूर्योदय तक)
मुहूर्त का नाम | मुहूर्त का समय | मुहूर्त का महत्व |
अमृत (शुभ) | शाम 07:22 बजे से 08:51 बजे तक | धार्मिक कार्यों, ध्यान और पूजा-पाठ के लिए उत्तम |
चर (शुभ) | रात 08:51 बजे से 10:20 बजे तक | यात्रा के लिए शुभ |
रोग (अशुभ) | रात 10:20 बजे से 11:49 बजे तक | यात्रा या कोई महत्वपूर्ण कार्य करने से बचें |
काल (अशुभ) | रात 11:49 बजे से 01:18 बजे (अगले दिन) तक | महत्वपूर्ण कार्य या यात्रा न करें |
19 जून 2025 रात के अन्य चौघड़िया मुहूर्त
लाभ (शुभ) - रात 01:18 बजे से 02:47 बजे (अगले दिन) तक। रात्रि में व्यावसायिक लाभ से संबंधित कार्यों या ज्ञानार्जन के लिए यह अच्छा है।
उद्वेग (अशुभ) - रात 02:47 बजे से 04:16 बजे (अगले दिन) तक। इस अशुभ चौघड़िया में चिंता और परेशानियों से बचें।
शुभ (शुभ) - रात 04:16 बजे से 05:23 बजे (अगले दिन सूर्योदय तक) तक। यह रात्रि का अंतिम और शुभ चौघड़िया है, जो सुबह की पूजा-पाठ या शुभ कार्यों की तैयारी के लिए उत्तम है।
क्या होता है रोग चौघड़िया?
चौघड़िया का चौथा मुहूर्त 'रोग' कहलाता है और यह मंगल ग्रह के प्रभाव में होता है। इसे एक अशुभ समय माना जाता है, इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ काम शुरू करने से बचना चाहिए। अगर आप किसी बीमारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेने की सोच रहे हैं, तो इस मुहूर्त में न जाएं। मान्यता है कि इस अवधि में शुरू किया गया इलाज लंबा खिंच सकता है या फिर संतोषजनक परिणाम नहीं देता। इसके अलावा, यह समय झगड़े, विवाद या शत्रु से संघर्ष के लिए भी अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए, इस अवधि में ऐसे किसी भी काम से बचें जिससे तनाव या टकराव की स्थिति बन सकती है।
क्या होता है चर चौघड़िया?
शुक्र द्वारा शासित, चर तीसरा चौघड़िया है जिसे यात्रा के प्रयोजनों के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है।
क्या होता है लाभ चौघड़िया?
लाभ चौघड़िया ज्योतिष में एक शुभ समय होता है जो किसी भी कार्य को शुरू करने के लिए अच्छा माना जाता है खासकर व्यापार, शिक्षा या धन से जुड़े कार्यों के लिए। यह चौघड़िया बुध ग्रह से संबंधित है और इसका उपयोग अक्सर उन लोगों द्वारा किया जाता है जो बिना किसी विशेष मुहूर्त की गणना किए जल्दी में कोई काम शुरू करना चाहते हैं। इसे सामान्य रूप से शुभ चौघड़ियों में से एक माना जाता है जो कार्यों में सफलता और लाभ दिलाने में सहायक होता है।
क्या होता है उदवेग चौघड़िया?
चौघड़िया में, उद्वेग पहला मुहूर्त होता है और इसे सूर्य ग्रह नियंत्रित करते हैं। आमतौर पर इस समय को अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि इसमें काम करने से तनाव या चिंता बढ़ सकती है। लेकिन, अगर आपको सरकार से जुड़ा कोई काम करना हो, तो उद्वेग मुहूर्त में करने से फायदेमंद नतीजे मिल सकते हैं।
शुभ चौघड़िया और अशुभ चौघड़िया कैसे तय किया जाता है?
चौघड़िया शुभ है या अशुभ, यह उस समय पर किस ग्रह का प्रभाव है, इस पर निर्भर करता है। अगर कोई हानिकारक ग्रह प्रभावी है तो वह अशुभ चौघड़िया होता है और अगर कोई लाभकारी ग्रह प्रभावी है, तो वह शुभ चौघड़िया कहलाता है। इसके अलावा, यह सप्ताह के दिन पर भी निर्भर करता है क्योंकि दिन का पहला चौघड़िया उस दिन के शासक ग्रह या देवता से जुड़ा होता है।
चौघड़िया मुहूर्त में क्या होते हैं वार वेला, काल वेला और काल रात्रि?
वार वेला, काल वेला और काल रात्रि दिन और रात के ऐसे समय होते हैं, जब कोई भी शुभ काम शुरू नहीं करना चाहिए। इन समयों में शुरू किया गया कोई भी अच्छा काम सफल नहीं होता है। वार वेला और काल वेला दिन में पड़ते हैं, जबकि काल रात्रि रात में होती है।
आज के चौघड़िया और आज के मुहूर्त में क्या है अंतर?
शुभ मुहूर्त, जिसे आज का शुभ समय भी कहते हैं ग्रहों की स्थिति की गणना करके निर्धारित किया जाता है। विवाह, पूजा, उद्घाटन, या दुकान खोलने जैसे किसी भी महत्वपूर्ण या शुभ कार्य के लिए इस समय का विश्लेषण करना आवश्यक माना जाता है। एक महीने में कई शुभ मुहूर्त हो सकते हैं, या ऐसा भी संभव है कि किसी विशेष दिन कोई भी शुभ मुहूर्त न हो। वहीं, आज का चौघड़िया प्रतिदिन की शुभ और अशुभ समयावधि की जानकारी देता है। चौघड़िया हर दिन उपलब्ध होता है और यह दिन को शुभ और अशुभ मुहूर्तों को मिलाकर आठ भागों में विभाजित करता है।
चौघड़ियां मुहूर्त की गणना कैसे की जाती है?
चौघड़िया मुहूर्त की गणना सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पर आधारित होती है, क्योंकि दिन और रात की अवधि हर जगह अलग-अलग होती है। पूरे दिन (सूर्योदय से सूर्यास्त तक) और पूरी रात (सूर्यास्त से अगले सूर्योदय तक) को आठ-आठ बराबर भागों में बांटा जाता है। इन प्रत्येक भाग को चौघड़िया कहा जाता है, जिसमें से कुछ शुभ (जैसे अमृत, शुभ, लाभ, चर) और कुछ अशुभ (जैसे उद्वेग, रोग, काल) माने जाते हैं। प्रत्येक चौघड़िया की अवधि लगभग डेढ़ घंटे (या चार घटी, एक घटी लगभग 24 मिनट की होती है) होती है, लेकिन यह सूर्योदय-सूर्यास्त के समय के अनुसार घट या बढ़ सकती है। पहले चौघड़िए का निर्धारण उस दिन के स्वामी ग्रह के अनुसार होता है, और उसी क्रम में अन्य चौघड़िए आते हैं।
चौघड़िया मुहूर्त कितने प्रकार के होते हैं?
हिन्दू वैदिक ज्योतिष में 7 प्रकार के चौघड़िया मुहूर्तों का उल्लेख मिलता है। इनके नाम हैं- अमृत, शुभ, लाभ, चर, उदवेग, काल, रोग चौघड़िया मुहूर्त।
किसे कहते हैं चौघड़िया?
चौघड़िया शब्द 'चो' (चार) और 'घड़िया' (घड़ी) से मिलकर बना है। हिंदू काल-गणना के अनुसार, एक 'घड़ी' लगभग 24 मिनट की होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुल 30 'घड़ियां' होती हैं, जिन्हें 8 हिस्सों में बांटा गया है। इस तरह, दिन में 8 और रात में भी 8 'चौघड़िया मुहूर्त' होते हैं। प्रत्येक चौघड़िया 4 'घड़ी' यानी लगभग 96 मिनट का होता है। सीधे शब्दों में कहें तो, एक चौघड़िया लगभग डेढ़ घंटे का समय होता है।
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image credit: herzindagi
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