जब भी हमारे मन में किसी चीज को लेकर शंका होती है, तो हम सबसे पहले भगवान के दरबार में जाते हैं, ताकि उनके सामने अपनी इच्छा को रख सके। इसके लिए कई सारे लोग मंदिर में धागा बांधते हैं, तो कुछ लोग वहां पर सिर्फ मन्नत मांगकर आ जाते हैं। लेकिन खाटु श्याम बाबा के दरबार में मांगी गई मन्नत के लिए लोग वहां इत्र चढ़ाते हैं और मन्नत पूरी होने पर इसे जोड़े में लेकर आते हैं। आर्टिकल में बताते हैं किस जोड़े में इत्र चढ़ाने के क्या हैं धार्मिक महत्व।
ऐसा कहा जाता है कि बाबा खाटू श्याम को इत्र काफी प्रिय था। इसलिए बर्बरीक अपना ज्यादातर समय गुलाब के बागीचे में बिताते थे। इसलिए इनके मंदिर में इत्र चढ़ाया जाता है। इत्र को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जब भी किसी को कुछ इच्छा मांगनी होती है, तो इत्र चढ़ाते हैं।
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अगर आप भी खाटू श्याम बाबा को भी आभार व्यक्त करना चाहते हैं, तो आप इन्हें इत्र चढ़ा सकते हैं। साथ ही, इसे आप अपने मंदिर में रखकर रोजाना इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे भगवान की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी।
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