how to perform pind daan at home

बिना पंडित के घर पर कैसे करें पिंडदान? जानें सही विधि

पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म या पिंडदान आदि सही विधि से करना बहुत जरूरी है नहीं तो पितृ दोष लग सकता है या पहले से चले आ रहे पितृ दोष का दुष्प्रभाव बढ़ सकता। 
Editorial
Updated:- 2025-09-08, 13:56 IST

पितरों को प्रसन्न करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता । इस दौरान किया गया तर्पण, श्राद्ध कर्म और पिंडदान पितरों को मोक्ष की प्राप्ति कराता है और हमें पितरों का आशीर्वाद मिलता । हालांकि, पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध कर्म या पिंडदान आदि सही विधि से करना बहुत जरूरी है नहीं तो पितृ दोष लग सकता है या पहले से चले आ रहे पितृ दोष का दुष्प्रभाव बढ़ सकता । यही कारण है कि पितृपक्ष के दौरान पिंडदान या श्राद्ध के लिए पंडित को ही बुलाना श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि किन्हीं कारणों की वजह से पंडित जी उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। ऐसे में बिना पंडित के सही तरीके से घर पर आप कैसे पिंडदान कर सकते हैं, इसके बारे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया ।

पिंड बनाने की सामग्री और तरीका

पिंडदान के लिए सबसे पहले पिंड बनाए जाते हैं। ये पिंड पूर्वजों का प्रतीक होते हैं। इन्हें बनाने के लिए ये सामग्री चाहिए:

bina pandit ke ghar par pind daan kaise kare

  • जौ का आटा: जौ का आटा आसानी से उपलब्ध होता है।
  • काले तिल: तिल को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है, खासकर जब पितरों की पूजा की बात आती है।

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  • शहद: शहद शुद्धता और मिठास का प्रतीक है।
  • गंगाजल: अगर गंगाजल उपलब्ध न हो, तो आप किसी भी पवित्र नदी का जल या साधारण शुद्ध जल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इन सभी सामग्रियों को एक साथ मिलाकर एक गाढ़ा आटा गूंध लें और फिर उससे तीन गोल पिंड बनाएं। ये तीन पिंड आपके पिता, दादा और परदादा के प्रतीक होते हैं।

पिंडदान की सही पूजा विधि

सबसे पहले, घर में पूजा का एक साफ-सुथरा स्थान चुनें। उस जगह पर गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें। फिर, एक चौकी या किसी साफ आसन पर एक सफेद कपड़ा बिछाएं। उस पर जौ और काले तिल बिखेर दें।

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एक दीपक जलाएं और अपने पितरों का ध्यान करें। हाथ में जल लेकर संकल्प लें कि आप अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान कर रहे हैं। इसके बाद, बनाए गए तीनों पिंडों को चौकी पर रखें।

एक लोटे में शुद्ध जल और थोड़े से काले तिल लेकर पिंडों पर धीरे-धीरे अर्पित करें। हाथ जोड़कर अपने पितरों से प्रार्थना करें कि वे आपके द्वारा किए गए पिंडदान को स्वीकार करें और आपको और आपके परिवार को आशीर्वाद दें।

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आप उनसे अपनी गलतियों के लिए क्षमा भी मांग सकते हैं। पिंडदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इन पिंडों को गाय को खिला देना चाहिए। अगर गाय उपलब्ध न हो, तो आप उन्हें किसी बहती हुई नदी में विसर्जित कर सकते हैं या किसी पवित्र स्थान पर रख सकते हैं।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
पितृपक्ष के दौरान क्या तुलसी की पूजा करनी चाहिए?
पितृपक्ष के दौरान तुलसी की पूजा की जा सकती है। ऐसा करना पितरों को प्रसन्न करता है और उन्हें शांति प्रदान करता है। 
पितृपक्ष के दौरान कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए? 
पितृपक्ष के दौरान 'ॐ पितृभ्यः स्वधा नमः' मंत्र का जाप करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।  
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