आज के समय में लोग खुद को फिट रखने के लिए तरह-तरह की डाइट फॉलो करते हैं। इन्हीं में से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग, जो पिछले कुछ सालों में बहत अधिक पॉपुलर हुई है। खासतौर से, जो लोग हेल्दी तरीके से अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना यकीनन काफी अच्छा विचार है। इंटरमिटेंट फास्टिंग आपकी इंसुलिन सेंसेटिविटी को बेहतर बनाने के साथ-साथ हार्ट हेल्थ पर भी पॉजिटिव असर डालता है।
बहुत से लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं, लेकिन यह देखने में आता है कि उन्हें इसे फॉलो करने में परेशानी होती है। फास्टिंग पीरियड के दौरान उन्हें भूख लगती है या फिर तरह-तरह के फूड खाने की क्रेविंग्स होती है। जिससे इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करना मुश्किल हो जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप इंटरमिटेंट फास्टिंग को आसान बना सकती हैं-
अमूमन यह देखने में आता है कि लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हुए विंडो पीरियड काफी कम रखते हैं और फास्टिंग पीरियड ज्यादा होता है। जिससे उनके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, अगर आप बिगनर है तो ऐसे में आप 12:12 रूल को अपनाएं। इससे आप 12 घंटे फास्टिंग करते हैं और 12 घंटे विंडो पीरियड होता है। जब आप धीरे-धीरे कंफर्टेबल होते जाते हैं तो आप अपने फास्टिंग पीरियड को बढ़ा सकते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अक्सर क्रेविंग्स इसलिए भी होती है, क्योंकि हम अपने मील प्लॉन नहीं करते हैं। ऐसे में हम कुछ भी खा लेते हैं। यहां आपको यह समझना चाहिए कि विंडो पीरियड का मतलब यह नहीं है कि आप कभी भी कुछ भी खाना शुरू कर दें। इससे आपको कोई फायदा नहीं होगा। इसलिए, इंटरमिटेंट फास्टिंग को आसान बनाने के लिए हर दिन अपना मील प्लॉन करें।
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हर इंसान का काम और शेड्यूल काफी अलग होता है। ऐसे में आप किसी एक रूल पर स्टिक नहीं हो सकते हैं। इसलिए, कोशिश करें कि आप इंटरमिटेंट फास्टिंग को अपने शेड्यूल के अनुसार एडजस्ट करें। ऐसी विंडो चुनें जो आपके लाइफस्टाइल के लिए बेहतर काम करे। इंटरमिटेंट फास्टिंग को जब आप अपने वर्क शेड्यूल व ईटिंग हैबिट्स के अनुसार एडजस्ट करते हैं तो इससे उसे फॉलो करना काफी आसान हो जाता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अगर आपको बार-बार भूख लगती है तो ऐसे में उसे बैलेंस करने का तरीका है कि आप डाइट में प्रोटीन इनटेक को बढ़ाएं। यह ब्लड शुगर को स्टेबलाइज करने और हंगर हार्मोन को बैलेंस करता है, जिससे फास्टिंग पीरियड को मैनेज करना आसान हो जाता है। साथ ही साथ, फाइबर फूड शुगर क्रेविंग्स को रोकने में मदद करता है। फाइबर आपके पेट में अच्छे बैक्टीरिया को पोषण देने में भी मदद करता है।
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