लिवर एक छोटा-सा ऑर्गन है, जो रिब केज के नीचे सीधी तरफ होता है। यह हमारे खाने को डाइजेस्ट करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लिवर हमारे शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
यह तो आपका ख्याल रखता है, लेकिन आप इसके लिए क्या करते हैं? कितनी बार ऐसा होता है कि आपको पता भी नहीं चलता आपका लिवर खराब हो रहा है।
क्या आपको पता है कि आपका लिवर दो स्पेप्स में हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालता है। पहला स्टेप, लिवर डिटॉक्सिफिकेशन कहते हैं। इसमें विषाक्त पदार्थों को जलाने के लिए लिवर एंजाइम और ऑक्सीजन का उपयोग करता है।
दूसरे स्टेप में, इन पार्शियली प्रोसेस्ड टॉक्सिन्स को अमीनो एसिड के साथ जोड़ता है, ताकि उन्हें कम हानिकारक बनाया जा सके। इस तरह से इन टॉक्सिन्स को पित्त और यूरिन के माध्यम से शरीर से निकालने में मदद मिलती है। अगर लिवर खराब है, तो हमारा शरीर तरह-तरह के लक्षण दिखाने लगता है। हार्मोनल हेल्थ न्यूट्रिशनिस्ट शिखा गुप्ता अपने इंस्टाग्राम में लिवर खराब होने के संकेतों और डिटॉक्स के बारे में बताती हैं। आइए न्यूट्रिशनिस्ट शिखा गुप्ता से लिवर डिटॉक्स के बारे में विस्तार से जानें।
लिवर की बीमारी में हमेशा लक्षण दिखाई नहीं देती। अगर लिवर क्लॉग्ड होगा, तो आपके शरीर में तमाम बदलाव दिखने लगेंगे।
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यदि आप शराब और धूम्रपान के साथ-साथ जंक फूड का सेवन कम कर दें और रोजाना व्यायाम करें तो यह आपके लिवर को साफ करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा आपको और क्या करना चाहिए, जानें-
सबसे पहले, ऐसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार से बाहर करें, जो जेनिटिकली मॉडिफाइड किए गए हों। ऐसे खाद्य पदार्थ जो आर्टिफिशियल फूड्स जैसे प्रिजर्वेटिव्स, फ्लेवर एन्हांसर आदि चीजों से तैयार हुए हैं, उनका सेवन न करें। जितना संभव हो उतना ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स अपनाने का प्रयास करें।
क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे फूलगोभी, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और सरसों का साग लिवर के लिए अच्छी है। ये फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं, जो लिवर के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके अलावा सेब, चुकंदर, इसकी पत्तियां और ऑर्गेनिक एनिमल प्रोटीन लिवर डिटॉक्स के लिए बहुत अच्छे हैं।
लिवर की हेल्थ के लिए कई हर्ब्स अच्छी होती हैं। इसमें डेंडिलियन की जड़, हल्दी, सिलैंट्रो और मिल्क थिस्टल शामिल हैं। हल्दी पित्त उत्पादन में भी सहायता करती है, जो लिवर डिटॉक्सिफाई करने के प्रोसेस को सपोर्ट करती है और लिवर के काम करने को आसान बनाता है। इससे शरीर में फैट बिल्ड-अप नहीं हो पाता है।
ऐसे खाद्य पदार्थ लें जो ग्लूटाथियोन (शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट) को बढ़ाते हैं- संतरा, फूलगोभी, लाल मिर्च, कीवी, सूरजमुखी के बीज, लहसुन, प्याज, ब्राजील नट्स, हरी सरसों अच्छी होती हैं। ग्लूटाथियोन क्रोनिक फैटी लीवर रोग वाले व्यक्तियों के रक्त में प्रोटीन, एंजाइम और बिलीरुबिन के स्तर में सुधार करने के लिए जाना जाता है।
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नियमित व्यायाम स्वस्थ लिवर के लिए अच्छा है। व्यायाम से लिवर पर तनाव कम होता है, ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और मोटापे को रोकने में मदद मिलती है - जो लिवर की बीमारी के लिए एक जोखिम कारक हैं। योग, ताई ची जैसे हल्के व्यायाम तनाव को दूर करने में मदद करते हैं जो ग्लूटाथियोन उत्पादन को भी बढ़ाते हैं।
ओमेगा 3, मैग्नीशियम अतिरिक्त एस्ट्रोजन से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता है। इसलिए, जंगली सैल्मन, अखरोट, अलसी, गहरी हरी पत्तेदार सब्जियां अपने आहार में शामिल करें। मैग्नीशियम का स्तर लिवर की कार्यप्रणाली से जुड़ा हुआ है, इसलिए मैग्नीशियम-रिच फूड्स का सेवन करें।
आपका लिवर शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। अगर लिवर खराब हो, तो शरीर पर खराब असर पड़ सकता है। इसलिए अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए लिवर डिटॉक्स का पूरा ध्यान रखें और ज्यादा जंक खाने से बचें।
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