पीरियड्स की गणना पीरियड्स के पहले दिन से अगले पीरियड्स के पहले दिन तक की जाती है। औसतन पीरियड्स 28 दिनों का होता है, लेकिन यह हर व्यक्ति और महीने दर महीने अलग-अलग हो सकता है।
अगर पीरियड्स हर 24 से 38 दिनों में आते हैं तो उन्हें रेगुलर माना जाता है। लेकिन, पीरियड्स के बीच का समय बदलता रहता है और यह पहले या बाद में आते हैं तो आपके पीरियड्स अनियमित माने जाते हैं।
अगर आपके पीरियड्स भी रेगुलर नहीं हैं और आप इसके लिए किसी अच्छे उपाय की तलाश में हैं जो असरदार होने के साथ-साथ सस्ता और केमिकल फ्री हो तो आप अपनी किचन में मौजूद तिल के बीज के इस्तेमाल करें। आपको यकीन नहीं हो रहा है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें। इस बारे में हमें आयुर्वेदिक डॉक्टर जीतू रामचंद्रन जी के इंस्टाग्राम को देखने के बाद पता चला।
जीतू रामचंद्रन जी ने कैप्शन में लिखा, 'आपको पीरियड्स का इंतजार क्यों करना पड़ता है, जब आपके पास किचन में यह सामग्री मौजूद है। जी हां हम तिल के बारे में बात कर रहे हैं। पीरियड्स में देरी/एमेनोरिया में 5 दिन तक गुड़ के साथ तिल के बीज का सेवन करें।'
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आगे उन्होंने लिखा, 'यह उपचार नहीं है, सिर्फ एक नुस्खा है। क्योंकि पीरियड्स में देरी का एक अंतर्निहित कारण होता है। हार्मोनल असंतुलन मुख्य कारण है। इसे केवल मेटाबॉलिज्म को सही करके ही ठीक किया जा सकता है। जब शरीर का मेटाबॉलिज्म सही होता है तब शरीर के सामान्य कामकाज के लिए हार्मोन उचित रूप से स्रावित होते हैं।'
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तिल के बीज लेने का तरीका
- रात को तिल के बीज की 1 चम्मच को थोड़े से पानी में भिगोकर रख दें।
- सुबह इसका पेस्ट बना लें और फिर गुड़ के साथ मिक्स करके लें।
- इसका 5 दिन तक सेवन करें।
तिल के बीज के फायदे
तिल के बीज की खेती हजारों सालों की जा रही हैं। वास्तव में, ये सबसे पुराने बीज माने जाते हैं जो आवश्यक तेलों से भरपूर होते हैं। तिल के बीज को "तेल से भरपूर बीजों की रानी" के रूप में संदर्भित किया जाता है, भारतीय आयुर्वेद के साथ-साथ चिकित्सा के अन्य पारंपरिक रूपों द्वारा तिल के बीज का काफी समर्थन किया जाता है। यह बीज एनर्जी को उत्तेजित करने, शरीर को गर्मी देने के साथ-साथ बालों और त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसलिए ये छोटे बीज हर भारतीय घर में जरूरी हो गए हैं।
यह छोटे, तेल और चिकित्सीय गुणों से भरपूर बीज का इस्तेमाल दवाओं के वैकल्पिक रूप में किया जाता है। इसके अलावा, तिल के बीज का इस्तेमाल अनियमित या दर्द भरे पीरियड्स में मदद करने के लिए किया जा सकता हैं।
अनियमित पीरियड्स के लिए तिल
तिल ब्लड सर्कुलेशन में मदद करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा, फैटी एसिड की मदद से, यह वैकल्पिक हार्मोन को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।
अनियमित पीरियड्स एक आम समस्या है जिसका सामना दुनिया भर की महिलाएं करती हैं। अनियमित हार्मोन से हार्मोनल असंतुलन, मुंहासे, थकान और तनाव की समस्या होती है। अपने पीरियड्स को विनियमित करना महत्वपूर्ण है। ऐसे मामलों में अनियमित पीरियड्स के लिए तिल एक बेहतरीन विकल्प है।
तिल के बीज में लिग्निन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो शरीर में हार्मोन के अत्यधिक उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए आप पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए तिल का सेवन कर सकती हैं।
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अनियमित पीरियड्स में मदद करने के अलावा, तिल के बीज आपके पीरियड्स को सुचारू और दर्द रहित या कम से कम दर्दनाक बनाने में भी मददगार होते हैं। पीरियड्स के लिए तिल का एक और बड़ा फायदा यह है कि यह ऊर्जा का पावरहाउस है।
अगर आपके पीरियड्स भी अनियमित है तो तिल के बीज को अपने डाइट में शामिल करें। लेकिन इसे इस्तेमाल करने से पहले एक बार एक्सपर्ट से सलाह जरूर कर लें। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
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Image Credit: Freepik.com
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