7 मई को हर साल वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है। ताकि लोग इस बीामरी के बारे में जानकर इससे बचने के उपाय कर सकें। अस्थमा एक ऐसा बीमारी है, जिसे हम पूरी तरह से ठीक तो नहीं किया जा सकता है। लेकिन कुछ चीजों के इस्तेमाल से इस खतरनाक बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता हैं। आज वर्ल्ड अस्थमा डे के मौके पर हम आपको अस्थमा से बचाव का सबसे जबरदस्त उपाय बताने जा रहे हैं। जी हां अगर आप अस्थमा से परेशान हैं तो इससे बचने के लिए कलौंजी को अपनी डाइट में शामिल करें।
कलौंजी भारतीय किचन का एक अहम मसाला है, जिसे प्याज के बीज के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि इसका प्याज से सीधा कोई संबंध नहीं है। इसका इस्तेमाल विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में फ्लेवर और टेस्ट का मजा लेने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि अपनी फ्लेवर के अलावा कलौंजी का इस्तेमाल बीमारियों के इलाज भी कर सकती है। जी हां कलौंजी कई मर्ज की 1 दवा है। इस बारे में जानने के लिए हमने एक्सपर्ट आयुर्वेद फिजिशियन डॉक्टर अबरार मुल्तानी से बात की तब उन्होंने हमें इस बारे में विस्तार से बताया।
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एक्सपर्ट की राय
कलौंजी में मौजूद पोषक तत्व
कलौंजी में पोषक तत्वों का अंबार लगा है। कलौंजी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और हेल्थी फैट जैसे पोषक तत्व होते है। जी हां इसमें 100 ज्यादा महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। साथ ही इसमें आवश्यक फैटी एसिड ओमेगा-6 (लिनोलिक एसिड), ओमेगा-3 (एल्फा- लिनोलेनिक एसिड) और ओमेगा-9 (मूफा) भी होते हैं। कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है। अगर आप अस्थमा से परेशान हैं और इसे कंट्रोल करने के लिए एक्सपर्ट की बताई कलौंजी को अपनाना चाहती हैं तो आप घर बैठे अच्छी क्वालिटी कलौंजी खरीद सकती हैं। कलौंजी के 400 ग्राम का मार्केट प्राइस 250 रुपये है, लेकिन इसे आप यहां से 199 रुपये में खरीद सकती हैं।
क्या कहती है रिसर्च
हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार, कलौंजी में मौजूद आवश्यक घटक, थाइमोक्विनोन में अस्थमा के लक्षणों पर काबू पाने की शक्ति होती है। जी हां थाइमोक्विनोन में सबसे अच्छे एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है। शोधकर्ताओं ने शुरू में जानवरों पर किए अध्ययन से इन आशावादी परिणामों को पता चला। इसके अलावा मनुष्यों पर हुए अनुसंधान से भी इस बात की पुष्टि हुए कि कलौंजी में अस्थमा के लक्षणों को कम करने की चिकित्सीय शक्ति है। शोधकताओं ने पाया कि यह बीज में अस्थमा रोगियों के फेफड़ों को अंदर से मजबूत बनाकर सूजन को कम करने में हेल्प करता है। अस्थमा के अलावा, कलौंजी अन्य संबंधित समस्याओं जैसे साइनसाइटिस, स्ट्रेस ब्रीथिंग और चेस्ट पर प्रेशर आदि के इलाज में भी प्रभावी होती है।
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कलौंजी के इस्तेमाल के उपाय
- डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार अस्थमा से बचने के लिए आप कलौंजी को पाउडर के रूप में ले सकती हैं। इसके लिए आपको आधा चम्मच कलौंजी के साथ आधा चम्मच शदह को ले सकती हैं।
- आप चाहे तो इसका ऑयल भी ले सकती हैं। इसके लिए आपको 5 से 10 ड्रॉप्स गुनगुने पानी से ले सकती हैं।
- साथ ही चेस्ट और पीठ पर कलौंजी के तेल की मालिश करें और पानी में तेल डाल कर उसकी भाप लें।
अगर आप भी अस्थमा से परेशान हैं तो आज से ही इस उपाय को ट्राई कर सकती हैं।
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