मेनोपॉज होने से पहले शरीर में होते हैं बड़े बदलाव, आइए जानें

मेनोपॉज क्या होता है, इससे पहले शरीर में क्या बदलाव होते हैं और आपकी जीवनशैली इस दौरान कैसी हो, वो सब सेलिब्रिटी न्यूट्रिशनिस्ट से जानिए।

menopause in women

मेनोपॉज वह समय होता है, जो आपके मासिक धर्म चक्र का अंतिम चरण होता है। अगर किसी महिला को 12 महीने या एक साल तक मासिक धर्म रुक गए हैं तो इसका मतलब है कि आपने मेनोपॉज के फेज में एंट्री कर ली है। 45 साल से 50 साल के बीच की महिलाओं को यह होता है, लेकिन हर महिला का मेनोपॉज पीरियड अलग है।

यह बदलाव जब एक महिला के अंदर होते हैं, तो वह इन्हें कई बार समझ नहीं पाती है, यही समझाने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर इंस्टाग्राम पर एक बार फिर एक नई सीरीज लेकर आई हैं। इस सीरीज में वह मेनोपॉज और उससे जुड़ी जरूरी जानकारी प्रदान कर रही हैं। रुजुता दिवेकर ने सोशल मीडिया पर मेनोपॉज के बारे में पहले मराठी में वीडियो शेयर की थी फिर उन्होंने हिंदी में भी इसे शेयर किया।

क्या होता है मेनोपॉज में?

वीडियो में रुजुता ने बताया, ‘मेनोपॉज के दौरान हमारी ओवरीज, जो एस्ट्रोजन का उत्पादन करती हैं, सिकुड़ने लगती हैं जिससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन, महिला हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। इन हार्मोन के स्तर के नीचे आने से हमारे पीरियड्स रुक जाते हैं।'

मेनोपॉज होने से पहले होते हैं ये बदलाव

मेनोपॉज से पहले हमारे शरीर में कुछ बदलाव दिखना शुरू हो जाते हैं। जब एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन बहुत तेजी से कम होते हैं, तो महिलाओं को कई तरह के लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है। ये लक्षण हैं-

  • मूड
  • क्रेविंग
  • बालों का झड़ना
  • पिगमेंटेशन
  • नाइट स्वेट्स
  • हॉट फ्लेशेज

रुजुता ने बताया कि अगर हार्मोन में गिरावट स्थिर है, तो ये लक्षण भी हल्के होंगे। इसके आगे उन्होंने यह भी बताया कि कैसे हम अपनी लाइफस्टाइल में थोड़े से बदलाव लाकर इससे निपट सकते हैं। मेनोपॉज महिलाओं के लिए आसान हो जाए इसके लिए उन्हें अच्छी डाइट पर ध्यान देना चाहिए, एक्सरसाइज करते रहना चाहिए और आराम करना चाहिए।

डाइट पर दें ध्यान

have good diet menopause

रुजुता कहती हैं, ‘आपके बदलते शरीर को सहारा देने के लिए संतुलित आहार का होना जरूरी है।’ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स पर जोर देते हुए वह आगे कहती हैं, ‘महिलाओं को लोकल, सीजनल और ट्रेडिशनल भोजन की आवश्यकता होती है बजाय उन सप्लीमेंट को लेने की जो शायद इतनी मदद न करें।’ रुजुता के अनुसार, आहार में विविधता महत्वपूर्ण है, ताकि शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। वह ऐसे समय में कोई भी डाइट, फास्टिंग और इंटरमिटेंट फास्टिंग नहीं करनी चाहिए। एक उचित आहार के साथ, मेनोपॉज के लक्षण दूर हो जाएंगे - मूड में सुधार होगा और धीरे-धीरे वजन भी कम होगा।

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एक्सरसाइज करें

रुजुता नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की सलाह भी देती हैं जो ताकत, सहनशक्ति और लचीलेपन में सुधार करने में मदद करता है। योग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो का कॉम्बिनेशन मददगार होगा। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और योग सप्ताह में कम से कम दो बार किया जाना चाहिए और आपकी शारीरिक गतिविधि हर वीक 3 घंटे होनी चाहिए। वह सभी महिलाओं को व्यायाम के लिए हर दिन कम से कम आधा घंटा निकालने की सलाह देती हैं।

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आराम करें

rest during menopause

वह कहती हैं, ‘इस दौरान दोपहर में 20 मिनट की झपकी अवश्य लें। रात 9:30 से 11 बजे के बीच बिस्तर पर लेट जाना बेहतर है। ऐसे समय में जितना हो सके आराम करें और डाइटिंग या फिर इंटेंसिव एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।

आप भी इन चीजों को ध्यान में रखें और मेनोपॉज से घबराने की बजाय अपने आहार और नियमित व्यायाम में ध्यान दें। बेहतर एडवाइस के लिए आप अपनी गायनकॉलिजस्ट भी संपर्क कर सकते हैं।

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Image Credit: instagram/rujutadiwekar & freepik

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