मेनोपॉज एक ऐसी स्थिति है, जहां महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते हैं। इस दौरान मूड स्विंग, नींद ना आना, चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं अक्सर होती रहती हैं, कई बार इसे नजर अंदाज किए जाने से परेशानी और बढ़ जाती है। नतीजा महिलाएं डिप्रेशन की शिकार हो जाती हैं। बता दें कि मेनोपॉज एक ऐसी स्टेज है, जब महिलाओं के पीरियड पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज की स्थिति आने से कुछ साल पहले से ही बॉडी एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का निष्कासन करना धीरे-धीरे कम कर देती है।
हार्मोन की कमी से न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक समस्याएं भी बढ़ती हैं। इसकी वजह से हर वक्त गुस्सा या फिर चिड़चिड़ापन बना रहता है। ऐसी स्थिति में परेशान होने की जरूरत नहीं है बल्कि अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव करके आप इसको कंट्रोल में कर सकती हैं। मेनोपॉज में चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग की समस्या को कंट्रोल कैसा किया जा सकता है, इस बारे में कंल्सटेंट ओब्स्ट्रेशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ, शीतल भारद्वाज बता रही हैं।
हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी
मेनोपॉज में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन कम होते जाते हैं, जिसकी वजह से शरीर में यह बदलाव शुरू होने लगते हैं। हालांकि, यह समस्याएं कॉमन हैं, लेकिन यह लगातार बढ़ने लगें तो महिलाओं को हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की आवश्यकता होती है। इस स्थिति में डॉक्टर उन्हें कुछ दवाइयां सजेस्ट करते हैं। इसमें ज्यादातर हार्मोन की दवाइयां होती है, जिसकी मदद से शरीर में घट रहे हार्मोन की जरूरत को पूरा किया जाता है। दरअसल मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हार्मोन की मात्रा घट जाती है, ऐसे में इन्हें हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद से शरीर में पूरा किया जाता है।
पोषण से भरपूर और बैलेंस डाइट लें
महिलाओं को मेनोपॉज के बाद जंक और अन हेल्दी फूड से दूरी बना लेनी चाहिए। यही नहीं अपनी डाइट में उन्हीं चीजों को शामिल करें, जो उनकी सेहत के लिए फायदेमंद है। कई बार मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने की समस्या शुरू हो जाती है, ऐसे में आपकी डाइट हमेशा बैलेंस्ड रखें। यही नहीं कुछ महिलाओं को नॉन हार्मोनल स्ट्रेटजी की आवश्यकता होती है। दरअसल हाई रिस्क पेशेंट, हाइपरटेंशन आदि परेशानियों से जूझ रही महिलाओं को हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी नहीं दी जा सकती है। ऐसे में उन्हें डाइट का खास ध्यान रखना होता है। उन्हें एस्ट्रोजन रिच फूड्स का सेवन करना चाहिए, ताकि शरीर में इसकी कमी को पूरा किया जा सके। महिलाएं चाहें तो इसके लिए अपनी डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।
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रेगुलर एक्सरसाइज और मेडिटेशन
फिट रहने के लिए ही नहीं बल्कि शारीरिक परेशानियों को भी दूर करने के लिए एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। मेनोपॉज के दौरान हो रहे चिड़चिड़ेपन और गुस्से को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि आप फिट रहें और दिमाग को शांत रखें। इसके लिए रोजाना सुबह वक्त निकालकर आधा घंटा एक्सरसाइज करें। इसके बाद करीबन 20 मिनट तक मेडिटेशन और योगा करें। अपने गुस्से और चिड़चिड़ेपन से राहत पाने के लिए जरूरी है कि आप इसे रूटीन बना लें।
भरपूर नींद लेना है जरूरी
मेनोपॉज में ज्यादातर महिलाओं की समस्या होती है कि उन्हें नींद(गहरी नींद के लिए उपाय) नहीं आती है। अगर आपको भी यह समस्या हो रही है तो कुछ हेल्दी ड्रिंक को रात में सोते समय ले सकती हैं। ग्रीन टी या फिर हल्दी वाला दूध लिया जा सकता है, यह दोनों ही नींद के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। इस स्थिति में रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद लें, ताकि आप खुद को रिलैक्स फील करा सकें। कोशिश करें कि सोते वक्त गैजेट्स या फिर मोबाइल फोन से खुद को दूर रखें।
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परिवार और दोस्तों का हो भरपूर साथ
मेनोपॉज में महिलाओं को होने वाली शारीरिक परेशानियों से निपटने के लिए परिवार के साथ रहें। यही नहीं जब भी चिड़चिड़ापन महसूस हो या फिर गुस्सा आए तो तुरंत दोस्तों से बात करें, जितना हो सके खुद को उतना खुश रखने की कोशिश करें। अगर आपके घर में आपकी इस समस्या के बारे में लोग नहीं जानते हैं तो उसे डिस्कस करें। मेनोपॉज की स्थिति में महिलाओं को खास ख्याल रखने की जरूरत होती है।
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