क्या थायराइड के मरीज दूध पी सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें

थायराइड के मरीजों को खानपान का काफी ध्यान रखना पड़ता है। कुछ लोगों का मानना होता है कि थायराइड में दूध नहीं पीना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट से।

  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2024-02-26, 11:41 IST
how milk affect thyroid levels

थायराइड आज के दौर में सबसे आम समस्याओं में से एक है। ज्यादातर इससे महिलाएं पीड़ित होती है और कुछ महिलाओं को तो यह मालूम भी नहीं होता है कि उन्हें थायराइड है। थायराइड गर्दन के पास तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो शरीर के अंगों को सही तरीके से चलने वाले हार्मोन पैदा करती है। अगर यह ग्रंथि कम या ज्यादा हार्मोन छोड़ती है तो थायराइड हो जाता है।

थायराइड ग्रंथि जब शरीर के लिए पर्याप्त हार्मोन पैदा नहीं कर पाती है तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है और सबसे ज्यादा यही समस्या देखने को मिलती है। इसमें थायराइड ग्रंथि से t3 और t4 हार्मोन निकलने कम हो जाते हैं। इसे कंट्रोल में रखने के लिए सही खानपान जरूरी होता है। ऐसी कई सारी चीजें हैं जिसके सेवन से थायराइड बढ़ सकता है। वहीं कुछ रोगी इसमें दूध पीने से परहेज करते हैं। क्या सच में दूध थायराइड को बढ़ा सकता है। आइए हेल्थ एक्सपर्ट गरिमा गोयल से जानते हैं इस बारे में।

क्या थायराइड के मरीज दूध पी सकते हैं?

thyroid and milk

एक्सपर्ट की माने तो थायराइड के मरीजों को आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इससे थायराइड फंक्शन बेहतर हो सकता है। इसके अलावा विटामिन डी का सेवन करने से भी थायराइड फंक्शन में सुधार होता है। यह सभी पोषक तत्व दूध और दूध से बने उत्पादों में मौजूद होता है। ऐसे में अगर आप दूध पीते हैं तो इससे आपको फायदा पहुंच सकता है लेकिन साथ ही नुकसान भी कर सकता है,क्योंकि दूध में कैल्शियम होता है। अगर आप थायराइड कंट्रोल करने वाली दवा का सेवन कर रहे हैं तो कैल्शियम दवा के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकता है। दूध पीने से दवा की प्रभावशीलता कम हो सकती है। दूध में मौजूद कैल्शियम थायराइड रोगियों को दी जाने वाली दवा लेवोथायरोक्सिन के साथ रिएक्शन कर सकता है।

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आप थायराइड की दवाएं ले रहे हैं तो आपको दूध और दवाओं के बीच कम से कम चार घंटे का अंतर रखना चाहिए। इससे दवा की प्रभावशीलता भी कम नहीं होगी और कैल्शियम और आयोडीन भी मिल जाएगा।

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image credit-Freepik


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