ऐसी मान्यता है किन्नर अगर किसी को दुआ दे दें तो उसका भाग्य संवर जाता है और अगर बद्दुआ दे दें तो उसका भाग्य दूर भाग्य में बदल जाता है। ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जानते हैं कि आखिर क्यों फलता है किन्नरों का आशीर्वाद।
रामायण से है नाता
रामायण के अनुसार, श्री राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास जा रहे थे। तब अयोध्या वासी भी अपने प्रभु श्री राम के पीछे-पीछे वनवास की ओर चल दिए।
श्री राम चले वनवास
श्री राम ने जब यह देखा तो उन्होंने अयोध्या वासियों को उनके पीछे आने से रोका लेकिन अयोध्या वासी श्री राम के बिना राज्य में रहने के लिए तैयार ही नहीं थे।
श्री राम ने दी सौगंध
श्री राम ने तब सभी को अपनी सौगंध दी और पुनः राज्य लौट जाने के लिए कहा। श्री राम के वचन थे कि कोई भी पुरुष या स्त्री श्री राम के पीछे वनवास नहीं आएगा।
अयोध्या में किन्नर
श्री राम की आज्ञा मान सभी अयोध्या लौट गए और श्री राम को याद करते हुए जीने लगे। इन्हीं सब अयोध्या वासियों में 4 किन्नर भी शामिल थे जो अयोध्या नहीं लौटे।
किन्नरों ने किया इंतजार
जब श्री राम 14 वर्ष के बाद वनवास से वापस आए तब उन्होंने उन किन्नरों को देखा। श्री राम ने किन्नरों से पूछा कि वह अयोध्या के द्वार पर क्यों हैं, राज्य में क्यों नहीं।
14 वर्ष द्वार पर ही रहे खड़े
तब किन्नरों ने बताया कि श्री राम ने स्त्री और पुरुष को लौटने के लिए कहा था। जबकि किन्नर न स्त्री में आते हैं न पुरुष में। उन किन्नरों ने 14 वर्ष अयोध्या के द्वार पर ही बिता दिए।
श्री राम ने दिया वरदान
तब श्री राम ने उन किन्नरों की भक्ति देख उन्हें यह आशीर्वाद दिया कि किन्नर जिसे भी और जो भी दुआ देंगे वह जरूर फलित होगी और किन्नरों का आशीर्वाद कभी खाली नहीं जाएगा।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो लाइक और शेयर करें। इस तरह की अन्य जानकारी के लिए क्लिक करें herzindagi.com