जब हमलोग छोटे थे तब हमें बस पता था कि “वो सड़क किनारे वाले अंकल अच्छे से नहीं छूते।“ ये भी हमें हमारे मम्मी-पापा ने नहीं बताया था। पता तो हमें एक-दूसरे से बाते करने के दौरान चला था। इसका मतलब है कि तब तक हमलोगों में से कोई एक बच्चा अंकल का शिकार बन चुका था। खैर... उसके बाद हमलोग उस अंकल से दूर रहने लगे... फिर हमारी स्कूलिंग पूरी हो गई और अब सब अलग-अलग जगह जॉब करते हैं। लेकिन आज भी जब सारे दोस्त साथ में मिलते हैं तो एक बार उस अंकल की बात जरूर छिड़ जाती है। और फिर सोचते हैं कैसे होते हैं कई लोग कि बच्चों को भी नहीं छोड़ते।
वो तो अच्छा है कि आजकल के पैरेंट्स शुरू से ही बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताने लगे हैं और रिश्तेदारों से भी सतर्क रहते हैं। लेकिन फिर भी अगर बच्चे को समझ ना आए तो इन्हें नीचे दिए गए images दिखाएं और समझाएं कि कैसे छूना गुड टच है और किस तरह का टच बैड टच है, जिसके बारे में घर में बताना जरूरी है।