हिंदुस्तान में दान धर्म का कल्चर बहुत ज्यादा है। हम पुण्य कमाने के लिए दान देते हैं और अपने कर्मों को सुधारते हैं। दुनिया भर से लोग यहां आकर धार्मिक स्थलों पर दान देते हैं और अपना जीवन सुखमय बनाने की कामना करते हैं। कितनी बार तो शायद आपने भी मंदिरों में दान दिया हो। कभी इसे बताकर किया जाता है तो कभी-कभी गुप्त दान से अपने कर्मों को संवारने की कोशिश की जाती है। पर क्या आपको पता है कि देश के बड़े-बड़े मंदिरों में दान का क्या होता है?
हाल ही में दुनिया के सबसे चर्चित मंदिरों में से एक तिरुपति मंदिर में जितना दान चढ़ाया जाता है और जिस तरह बालों का कारोबार होता है उसके हिसाब से 2.5 लाख करोड़ रुपए का नेट वर्थ इस मंदिर में है। 1933 में बनने के बाद से ये पहली बार है जब मंदिर ने अपना नेट वर्थ दिखाया है। इसमें सोना, चांदी, ज्वेलरी, बैंक डिपॉजिट, देश भर की प्रॉपर्टीज आदि सब कुछ शामिल हैं।
जितना पैसा इस मंदिर के पास है उतना आईटी सर्विस फर्म विप्रो, फूड कंपनी नेस्ले और ऑल कंपनियां जैसे ONGC, IOC आदि से ज्यादा है। बेंगलुरु स्थित विप्रो कंपनी का नेट वर्थ 2.14 लाख करोड़ है और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनी का मार्केट वर्थ 1.99 लाख करोड़ है।
अब ये सवाल उठता है कि क्या वाकई भारत के मंदिर इतने ज्यादा अमीर हैं? चलिए आज बात करते हैं भारत के सबसे अमीर मंदिरों के बारे में
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