Taraweeh ki Dua & Niyat: आज से शुरू होगा रमज़ान मुबारक का पाक महीना, यहां जानें तरावीह की दुआ और नमाज़ पढ़ने का तरीका

Ramadan 2024 Taraweeh ki Dua Niyat Namaz Padhne ka Tarika: आज रात चांद दिखे के बाद तरावीह की नमाज शूरू हो जाएंगी। अगर आपको तरावीह की नमाज़ पढ़ना नहीं आती है, तो आज हम आपको रमज़ान में पढ़ी जाने वाली तरावीह करने की नियत, तरावीह की दुआ, तरावीह पढ़ने का सही तरीका बता रहे हैं, जिसकी तिलावत आप कसरत से कर सकते हैं।

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What Is The Niyat Of Taraweeh Namaz: आपने यकीनन मुसलमानों को नमाज़ पढ़ते देखा होगा, क्योंकि रोज़ाना पांच वक्त की नमाज़ पढ़ना इस्लाम का एक बुनियादी हिस्सा है। बता दें कि इस्लाम धर्म में अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाने के बाद सभी लोगों पर नमाज़ वाजिब हो जाती है, फिर चाहे मर्द हो या औरत, गरीब हो या मालदार, सभी लोगों को 5 वक्त की नमाज़ पढ़ना ज़रूरी है।

कुरान के मुताबिक जन्नत की कुंजी में से एक कुंजी नमाज़ है। ऐसे ही रमज़ान में रोज़े रखना वाजिब है। रमजान के महीने में अल्लाह की खूब रहमत बरसती है। बुराई पर अच्छाई हावी हो जाती है। इस महीने मुसलमान अपनी चाहतों पर नकेल कस सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं। यूं तो एक दिन में पांच वक्त की नमाज़ अदा की जाती है, लेकिन रमज़ान के महीने में तरावीह की नमाज़ पढ़ना भी जरूरी होती है।

बता दें कि तरावीह की नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद पढ़ी जाती है, जिसमें 20 रकात होती हैं और हर दो रकात के बाद सलाम फेरा जाता है। हालांकि, 20 रकात की नमाज़ सिर्फ महिलाओं के लिए है, पुरूषों के लिए तरावीह की नमाज़ में कुरान की तिलावत करना बहुत जरूरी है। तरावीह की नमाज़ कुछ दुआएं हैं जिन्हें नमाज़ के दौरान पढ़ा जाता है।

तरावीह क्या है (Taraweeh ki Namaz Kya Hai)

Taraweeh ki niyat

रमज़ान में ईशा की नमाज़ के बाद तरावीह की नमाज़ पढ़ी जाती है, जिसमें 20 रकात होती हैं और हर 4 रकात के बाद तरावीह की दुआ पढ़ी जाती है। बता दें कि तरावीह एक अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है आराम और तेहेरना। हालांकि, तरावीह की नमाज़ महिला और पुरुष दोनों पर फर्ज हैं, लेकिन महिला कुरान की 10 सुरतों वाली तरावीह पढ़ना सही माना जाता है।

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तरावीह की नियत (Taraweeh ki Niyat)

Taraweeh ki Namaz Kya Hai

तरावीह की नमाज़ पढ़ने में लगभग 2 घंटे लगते हैं, जिसे पूरे रमज़ान पढ़ना लाज़िमी हैं। मगर इसका सवाब तभी मिलता है, जब यह बिना किसी गेप किए पढ़ी जाती हैं। हमें तरावीह रमज़ान के बीच में नहीं छोड़नी चाहिए। आइए अब जानते हैं कि तरावीह की नियत करने का सही तरीका क्या है।

महिला कैसे करती हैं तरावीह की नियत

नियत करती हूं मैं दो रकात नमाज़ सुन्नत तरावीह की, अल्लाह तआला के वास्ते, वक्त इशा का, मुहं मेरा मक्का कअबा की तरफ, अल्लाहु अकबर..फिर हाथ ऊपर करके नियत बांध लेते हैं। (तरावीह की नमाज़ में पढ़ी जाने वाली दस सूरतें)

तरावीह की नमाज़ का तरीका (Taraweeh ki Namaz ka Tarika)

Tarabi ki Namaz Padhne ka Tarika

तरावीह की नमाज़ पढ़ने का तरीका महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग-अलग होता है। जैसे अगर आप किसी के पीछे यानी जमात से साथ तरावीह की नमाज़ पढ़ रहे हैं, तो इसमें कुरान की तिलावत की जाती है। वहीं, अगर आप घर पर तरावीह पढ़ रहे हैं, तो दो-दो रकात में 30वे पारे की 10 सूरतें पढ़ी जाती हैं। सिर्फ महिलाएं घर पर तरावीह की नमाज़ अदा कर सकती हैं।

तरावीह की दुआ (Taraweeh ki Dua)

जिस तरह रमज़ान में रोज़ा रखने की दुआ पढ़ना जरूरी है। उसी तरह तरावीह की दुआ पढ़ना भी लाज़िमी है। माह-ए-रमजान में तरावीह की दुआ के बहुत मायने हैं और अगर बिना दुआ के नमाज़ पढ़ी जाती है, तो तरावीह का सवाब कम मिलता है।

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हिंदी में तरावीह की दुआ (Taraweeh ki Dua in Hindi)

Taraweeh ki Dua in Hindi

सुबहान ज़िल मुल्कि वल मलकूत, सुब्हान ज़िल इज्ज़ति वल अज़मति वल हय्बति वल कुदरति वल किबरियाई वल जबरूत, सुबहानल मलिकिल हैय्यिल लज़ी ला यनामु वला यमुतू सुब्बुहून कुददुसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर रूह, अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नारि या मुजीरू या मुजीरू या मुजीर

तरावीह की दुआ इंग्लिश में (Taraweeh ki Dua in English)

Taraweeh ki Dua in English

Subhana zil mulki wal malakut. Subhana zil izzati wal azmati wal haibati wal qudrati wal kibriya ay wal jabaroot. Subhanal malikil hayyil lazi la yanaamo wala yamato subbuhun quddusun rabbuna wa rabbul malaikati war ruh-allahumma ajirna minan naar ya mujiro ya mujiro ya mujeer.

तरावीह की दुआ उर्दू में (Taraweeh ki Dua in Urdu)

Taraweeh ki Dua in Urdu

سبحان ذي الملك و الملكوت سبحان ذي العزة و الجبروت سبحان الحي الذي لا يموت

سبحان الذي خضعت لعظمته الرقاب سبحان الذي ذلت لجبروته الصعاب سبحان رب الأرباب مسبب الأسباب

سبحان خالق الخلق من تراب سبحان الذي في السماء عرشه و في الأرض سلطانه

سبحان الذي لا تراه في الدنيا العيون و لا تخالطه الظنون

तरावीह की दुआ के फायदे (Taraweeh ki Dua ke Fayde)

तरावीह की नमाज़ पढ़ने के कई फायदे हैं। जैसा की आप सभी जानते ही हैं कि इस्लाम में कुरान पढ़नाकितना पाक माना जाता है। तरावीह के दौरान कुरान की तिलावत करने को मिल जाती है, जिससे दिल को सुकून मिलता है। साथ ही, इफ्तार के बाद तरावीह की नमाज़ पढ़ने से बॉडी की अच्छी एक्सरसाइज भी हो जाती है।

आप जहां नमाज़ अदा करने जा रहे हैं वो स्थान पाक होना चाहिए। वैसे तो जमीन पर आप कहीं भी नमाज़ पढ़ सकते हैं क्योकि ज़मीन पाक होती है, लेकिन इस बात पर ध्यान जरूर दें कि जिस स्थान या जगह पर नमाज़ अदा करने जा रहे है, वहां पर किसी भी तरह की गंदगी न हो।

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Image Credit- (@Freepik and Shutterstock)

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