सफेद दाग एक आम समस्या है। लेकिन कई लोग इसे कुष्ठ रोग से जोड़ कर देखते हैं जिसके कारण मरीज को कई बार बहिष्कार जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। इससे जुड़ा सबसे बड़ा सच यह है कि ये किसी को भी हो सकता है। इसलिए इसे हमेशा आनुवांशिक नहीं समझना चाहिए। और यह एक बीमारी है जिसका इलाज मुमकिन है इसलिए इसे कुष्ठ रोग और छूत की बीमारी से भी जोड़ना नहीं चाहिए।
कई बार लोग सफेद दाग को छूत की बीमारी मान लेते हैं। जिसके कारण लोग इस बीमारी के मरीज के साथ उठना-बैठना तक बंद कर देते हैं। जबकि ये गलत है।