बंगालियों का सबसे खास त्योहार है दुर्गा पूजा, जिसका हर बंगाली को पूरे साल इंतजार रहता है। इस दौरान वहां की रौनक देखते ही बनती है, उत्साह सातवें आसमान पर होता है और हर घर में इसकी तैयारियां महिनों पहले से शुरू हो जाती है। बाजारों की रौनक देखने लायक होती है क्योंकि बंगाल में दुर्गा पूजा में नए कपड़े पहनने का चलन है और ऐसे में नए कपड़े खरीदने की धूम लगी होती है। बाजारों में नए-नए फैशनेवल कपड़ों की भरमार होती है। बंगाल में इस दौरान साड़ियों की डिमांड काफी होती है, क्योंकि यहां की महिलाएं पांरपारिक रूप से तैयार होना ज्यादा पसंद करती है।
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अगर बंगाल की महिलाओं की बात करें, तो इस दौरान उनका फैशन देखने में ही बनता है। बंगाल में मुख्य रूप से चार दिन चलने वाले इस त्योहार में महिलाएं हर दिन एक अलग साड़ी पहनती है। सप्तमी की शाम को अलग साड़ी तो अष्टमी के लिए अलग साड़ी। वैसे दुर्गा पूजा के दौरान बंगालियों का फैशन देखने लायक होता है। षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी और दशमी इन पांच दिनों में पूरे बंगाल में फैशन के अलग-अलग रंग देखने को मिलते हैं। पूजा के हर दिन के लिए अलग-अलग कपड़े होते हैं। तो आइए जानें दुर्गा पूजा में यहां खासतौर पर पहनी जाने वाली बंगाली साड़ी ढकाई जामदानी के बारे में। इसे सबसे खास बंगाली खूबसूरत साड़ियों में गिना जाता है।
दुर्गा पूजा में बंगाली महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली साड़ियों में ढकाई जामदानी साड़ियां सबसे खास होती हैं। यही वजह है कि इन साड़ियों की मांग बहुत ज्यादा है। वैसे तो ये साड़ियां दु्र्गा पूजा के उन पांच दिनों में किसी भी दिन पहनी जा सकती है, लेकिन दुर्गा पूजा के आखिरी दिन यानि दशमी के दिन बंगाल की तकरीबन सभी महिलाएं लाल-सफेद रंग की ढाकाई जामदानी साड़ी में नजर आती हैं। इसका कारण यह है कि यहां दुर्गा पूजा के दौरान कई तरह के रीति-रिवाज फॉलो किए जाते हैं, जिसमें से एक है सिंदूर खेला जिसमें महिलाएं खासतौर पर लाल और सफेद रंग के रंग की जामदानी साड़ियां पहनती हैं। शायद यही वजह है कि जामदानी साड़ियों की मांग इतनी ज्यादा है।इस बार ट्राई करें ये 5 साउथ इंडियन साड़ियां, आपके सामने हर कोई लगेगा फीका।
महिलाएं दुर्गा पूजा में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा नई साड़ियां पहनकर करती हैं। साथ ही, बंगाल में मां दुर्गा को नई साड़ी चढ़ाने का चलन है। पूजा में पहनी जाने वाली सभी साड़ियों में से ढकाई जामदानी साड़ियां सबसे खास होती हैं। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है ये मूलरूप से बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बनाई जाती हैं। इन साड़ियों को कई सारे कारीगर मिलकर तैयार करते हैं। पश्चिम बंगाल के ज्यादातर दुकानों में आप इस साड़ी की वैराइटी देख सकते हैं। अलग-अलग रंगों, डिजाइन और दामों में उपलब्ध इन साड़ियों को आप अपनी पसंद के अनुसार खरीद सकती हैं जो पूजा में आपके लुक को बनाएंगे और भी खास।कभी आउट ऑफ फैशन नहीं होती ये 5 साड़ियां, वार्डरोब में जरूर रखें।
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ढाकाई जामदानी साड़ियां आपके बजट में आ सकती है क्योंकि ये साड़ियां हर दाम में उपलब्ध हैं। ये साड़ियां हर उम्र की महिला पर जंचती हैं। इनमें फ्लोरल डिजाइन सबसे ज्यादा प्रचलन में है। इसके अलावा आप इस मौके पर जियोमेट्रिक और बर्ड मोटिफ्स वाली साड़ियों को भी ट्राय कर सकती हैं। दशमी के दिन सिंदूर खेला के दौरान महिलाएं लाल और सफेद रंग के कॉम्बिनेशन वाली जामदानी साड़ियां पहनती हैं, जो दिखने में बेहद खूबसूरत लगती है।सिर्फ इस 1 बात का रखें ध्यान, साड़ी में दिखेंगी एकदम स्लिम और फिट।
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