घर की दिशा के अनुसार मुख्य द्वार पर रखें इन शुभ रंगों की डोरमैट, बनी रहेगी खुशहाली

आपके घर में रखी कोई भी वस्तु अगर सही नियमों के अनुसार रखी जाती है तो इसके सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। अगर आप भी मुख्य द्वार में डोरमैट रख रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह घर में ऊर्जा के प्रवेश का मुख्य स्रोत होता है। सही दिशा और सजावट के साथ मुख्य द्वार न केवल सकारात्मकता को बढ़ावा देता है, बल्कि समृद्धि और शांति को भी आमंत्रित करता है। मुख्य द्वार की सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखने के लिए वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं। इनमें से एक प्रभावी उपाय है, मुख्य द्वार पर सही दिशा के अनुसार उपयुक्त रंग की डोरमैट रखना।

वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्य द्वार पर सही रंग की डोरमैट रखने से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। यह उपाय परिवार के सदस्यों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। डोरमैट के रंग का चुनाव मुख्य द्वार की दिशा के अनुसार करना चाहिए, ताकि यह ऊर्जा प्रवाह को संतुलित कर सके।

सेलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, हर दिशा के लिए विशिष्ट रंगों की डोरमैट का उपयोग करना लाभकारी होता है। आइए जानते हैं, किस दिशा में कौन से रंग की डोरमैट रखनी चाहिए ताकि घर में शुभता और समृद्धि बनी रहे।

उत्तर दिशा के लिए नीला या गहरा नीला रंग

उत्तर दिशा को जल तत्व का प्रतीक माना जाता है। इस दिशा का स्वामी ग्रह बुध होता है, जो बुद्धिमत्ता और संपन्नता का प्रतिनिधित्व करता है।

इस दिशा में गहरे नीले या हल्के नीले रंग की डोरमैट रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। यह रंग मानसिक शांति, स्थिरता, और करियर में उन्नति लाने में मदद करता है। नीला रंग आपके घर में शीतलता और समृद्धि लाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

दक्षिण दिशा में रखें लाल रंग की डोरमैट

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दक्षिण दिशा को अग्नि तत्व से संबंधित माना जाता है और इसका स्वामी मंगल ग्रह है। यह दिशा ऊर्जा, शक्ति, और आत्मविश्वास का प्रतीक मानी जाती है।

यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की तरफ है, तो इस स्थान पर लाल रंग की डोरमैट रखना सबसे शुभ माना जाता है। यह रंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सकारात्मकता बनाए रखता है। लाल रंग जीवन में उन्नति और सफलता लाने में भी सहायक होता है। यह आपके घर के वातावरण को जोश और उत्साह से भर देता है।

पश्चिम दिशा में रखें मिट्टी कलर की डोरमैट

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पश्चिम दिशा पृथ्वी तत्व से संबंधित मानी जाती है। इस दिशा में भूरे या मिट्टी के रंग की डोरमैट रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार बेहद शुभ होता है। यह रंग घर में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। मिट्टी कलर की डोरमैट आपके घर में स्थायित्व, सुरक्षा और समृद्धि लाती है। इस दिशा में यह रंग धन और संपत्ति में बढ़ोतरी का संकेत भी देता है।

पूर्व दिशा के लिए बादामी या मैरून रंग

पूर्व दिशा को सूर्य के उदय की दिशा माना जाता है और इसे उर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस दिशा में बादामी या मैरून रंग की डोरमैट रखना शुभ होता है।

यह रंग सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नए अवसरों के द्वार खोलता है। यह रंग पारिवारिक सुख और आपसी सामंजस्य बढ़ाने में भी मदद करता है। यदि आपका मुख्य द्वार पूर्व दिशा की तरफ खुलता है तो आपको इन्हीं रंगों की डोरमैट मुख्य द्वार पर रखनी चाहिए।

घर का मुख्य द्वार न केवल घर की सजावट का प्रमुख हिस्सा है, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश का मार्ग भी है। वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को विशेष महत्व दिया गया है। यहां सही डोरमैट का चुनाव और उसे उचित तरीके से रखने से घर की ऊर्जा को संतुलित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि डोरमैट से जुड़े वास्तु नियमों और उनकी अहमियत के बारे में।

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मुख्य द्वार पर साफ-सुथरी डोरमैट रखें

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मुख्य द्वार पर डोरमैट रखना सामान्य सी बात लग सकती है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार इसका सही उपयोग बेहद आवश्यक है। डोरमैट को हमेशा साफ और व्यवस्थित रखना चाहिए। गंदे या फटे-पुराने डोरमैट न केवल घर की सजावट को खराब करते हैं, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को भी आकर्षित करते हैं।

यह ध्यान रखना चाहिए कि मुख्य द्वार पर रखे गए डोरमैट की स्थिति नियमित रूप से जांची जाए और इसे समय-समय पर बदला जाए। पुराने और जर्जर डोरमैट को तुरंत हटा देना चाहिए क्योंकि यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है। इसके स्थान पर नया और उचित रंग का डोरमैट रखें, जो घर की ऊर्जा को सकारात्मक बनाए रखने में सहायक हो।

सही आकार की डोरमैट रखें

डोरमैट का आकार मुख्य द्वार के अनुपात में होना चाहिए। बहुत बड़ा डोरमैट दरवाजे की सुंदरता को बिगाड़ सकता है, वहीं बहुत छोटा डोरमैट घर की ऊर्जा को संतुलित नहीं कर पाता। डोरमैट का आकार ऐसा हो, जो मुख्य द्वार के आकार से मेल खाए और घर की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाए।

डोरमैट की दिशा का ध्यान रखें

डोरमैट को हमेशा मुख्य द्वार के ठीक बाहर रखना चाहिए। इसका उद्देश्य यह है कि घर में प्रवेश करने से पहले ही बाहर की नकारात्मक ऊर्जा वहीं रुक जाए और घर में केवल सकारात्मकता का प्रवाह हो। डोरमैट को इस तरह रखें कि कोई भी व्यक्ति घर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते और पैरों को साफ करे, ताकि बाहरी गंदगी और नकारात्मकता घर के भीतर न आ सके।

डोरमैट के रंग का महत्व

डोरमैट के रंग का सही चयन न केवल घर के सौंदर्य को बढ़ाता है, बल्कि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की ऊर्जा को भी संतुलित करता है। सही रंग सकारात्मकता, समृद्धि और शांति का प्रवाह बनाए रखता है।

अगर आप घर के मुख्य द्वार पर डोरमैट रखते हैं तो आपको यहां बताई बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे खुशहाली बनी रहती है।
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Images: Freepik.com

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