साल 2025 में योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून, शनिवार को रखा जाएगा। इस एकादशी का बहुत महत्व है क्योंकि इसे भगवान विष्णु को समर्पित माना जाता है और यह सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाली मानी जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से योगिनी एकादशी का व्रत रखता है उसे न केवल समस्त पापों से छुटकारा मिलता है बल्कि स्वर्गलोक में स्थान प्राप्त होता है एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि योगिनी एकादशी के दिन कुछ उपाय करने से व्यक्ति अपने अवगुणों को दूर कर सकता है।
योगिनी एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है। अपनी सामर्थ्य अनुसार, किसी गरीब या ज़रूरतमंद व्यक्ति को अन्न , वस्त्र, या पका हुआ भोजन दान करें। जल का दान भी बहुत शुभ माना जाता है। प्यासे को पानी पिलाना या सार्वजनिक प्याऊ लगवाना बेहद पुण्यकारी माना जाता है। ऐसा करने से आपके पूर्व जन्मों के पाप कर्मों का भार कम होता है और मन में दूसरों के प्रति दया और निस्वार्थ सेवा का भाव विकसित होता है जिससे लोभ और स्वार्थ जैसे अवगुण दूर होते हैं।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। भगवान विष्णु का पंचामृत दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल आदि से अभिषेक करें और उन्हें तुलसी दल अर्पित करें। माता लक्ष्मी को श्रृंगार सामग्री और कमल का फूल चढ़ाएं। इस पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और अहंकार व ईर्ष्या जैसे अवगुण कम होते हैं, क्योंकि आपका ध्यान ईश्वरीय कृपा और संतोष की ओर बढ़ता है।
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योगिनी एकादशी पर तुलसी माता का पूजन विशेष रूप से फलदायी होता है। भगवान विष्णु की पूजा के बाद तुलसी माता के सामने दीपक जलाएं और उनकी 11 या 21 बार परिक्रमा करें। तुलसी मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि इससे श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। तुलसी पूजा से मन शुद्ध होता है और क्रोध व नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
इस पवित्र दिन पर श्रीमद् भागवत कथा का पाठ करना या सुनना बहुत पुण्यदायक माना जाता है। यदि आप स्वयं पाठ नहीं कर सकते, तो किसी योग्य ब्राह्मण से करवाएं या कथा सुनें। भागवत कथा भगवान विष्णु के गुणों और लीलाओं का वर्णन करती है, जिससे मन शांत होता है और अध्यात्म की ओर रुझान बढ़ता है। यह आपको अपने अवगुणों को पहचानने और उन्हें दूर करने की प्रेरणा देता है।
योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना बहुत प्रभावी होता है। आप 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' या 'श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप कर सकते हैं। ये मंत्र मन को शांति प्रदान करते हैं, नकारात्मक विचारों को दूर करते हैं और आपको आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाते हैं जिससे आप अपने अवगुणों पर विजय प्राप्त कर पाते हैं।
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ये उपाय केवल बाहरी कर्मकांड नहीं बल्कि आत्म-शुद्धि और सकारात्मक परिवर्तन की ओर बढ़ने का एक माध्यम हैं। इन्हें सच्ची श्रद्धा और निष्ठा के साथ करने से निश्चित रूप से आपके अवगुण दूर होंगे और जीवन में सुख-शांति आएगी।
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