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बाल खोलकर भोजन बनाने की मनाही क्यों होती है, जानें क्या कहता है शास्त्र

भोजन बनाने को लेकर बनाए गए कई नियमों में से एक है बाल खोलकर भोजन तैयार न करना। आइए यहां जानें ऐसा क्यों कहा जाता है कि भोजन बनाते समय आपके बाल बंधे होने चाहिए और खुले बालों के क्या नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
Editorial
Updated:- 2024-11-18, 13:22 IST

भारतीय शास्त्रों और परंपराओं में कई ऐसे नियम और मान्यताएं बताए गए हैं, जो हमारी दैनिक जीवनशैली से जुड़े हैं। ऐसे ही पूजा-पाठ से लेकर भोजन बनाने तक के नियम शास्त्रों में मिलते हैं। भोजन बनाने की दिशा से लेकर सही समय तक, कई ऐसी बातें हैं जिनका व्यख्यान शास्त्रों में मिलता है।

ऐसे ही एक नियम यह बताता है कि आपको भोजन कभी भी खुले बालों के साथ या अशुद्ध शरीर के साथ नहीं बनाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि भोजन बनाने वाले के आचार और विचार जिस तरह के होते हैं उसका सीधा असर भोजन ग्रहण करने वाले के मन में भी होता है।

बाल खोलकर भोजन न बनाने की बात न केवल आपके शास्त्रों से जुड़ी है बल्कि इसके अन्य सामजिक, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके कारणों के बारे में विस्तार से कि शास्त्रों के अनुसार भोजन बाल खोलकर क्यों नहीं बनाना चाहिए और इसके क्या नुकसान हो सकते हैं।

बाल खोलकर भोजन न बनाना शुद्धता और स्वच्छता का प्रतीक

is cooking with open hair bad

भोजन को हमेशा शुद्ध और सात्विक माना जाता है, क्योंकि यह न केवल हमारे शरीर को ऊर्जा देता है, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य पर भी असर डालता है।

शास्त्रों के अनुसार, भोजन बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बाल खोलकर भोजन बनाने से कभी न कभी बालों का गिरना स्वाभाविक है, जिससे भोजन अशुद्ध हो सकता है। यही नहीं यदि भोजन करते समय बाल आ जाए तो इससे खाना खाने वाले का भी नुकसान हो सकता है। इसी वजह से भोजन बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है और हमेशा बाल बांधकर ही भोजन बनाने और ग्रहण करने की सलाह दी जाती है।

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बाल खोलकर भोजन न बनाने का आध्यात्मिक कारण

शास्त्रों में भोजन को देवताओं के प्रसाद के समान माना गया है। इसलिए इसे बनाने और परोसने में पूरी पवित्रता रखनी चाहिए। भोजन बनाते समय व्यक्ति की मानसिक स्थिति का सीधा प्रभाव खाने पर पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, यदि कोई महिला बाल खोलकर भोजन बनाती है, तो वह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती है।

शास्त्रों में मान्यता है कि खुले बाल नकारात्मकता का प्रतीक होते हैं। इसी वजह से भोजन बनाते समय यह नकारात्मक ऊर्जा को घर और भोजन दोनों में प्रवेश करने का माध्यम बन सकते हैं।

एक बड़ा कारण यह भी है कि जब भोजन बनाते समय आपके बाल खुले होते हैं तो उन्हें बार-बार ठीक करने की आवश्यकता होती है जिससे आपका मुख्य कार्य से ध्यान भटकने लगता है, जिसका सीधा असर भोजन की गुणवत्ता और उसमें समाहित ऊर्जा पर पड़ता है।

बाल खोलकर भोजन न बनाने के वैज्ञानिक कारण

why we should not cook with open hair

अगर हम खुले बालों के साथ भोजन बनाने को शास्त्रों से न भी जोड़ें तो विज्ञान भी आपको इसकी अनुमति नहीं देता है। दरअसल खुले बालों से पसीना, गंदगी और अन्य गंदगी पैदा करने वाले तत्व मौजूद होते हैं, यदि आप भोजन बाल खोलकर बनाती हैं तो कोई भी गंदे तत्व आपके भोजन में गिरकर उसे भी दोस्स्धित कर सकते हों। ऐसा करने से भोजन ग्रहण करने वाले की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।

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पौराणिक कथाओं के अनुसार खुले बाल नकारात्मकता का प्रतीक

शास्त्रों और पौराणिक कथाओं में भी खुले बालों का उल्लेख नकारात्मकता और अशांति के प्रतीक के रूप में किया गया है। यदि हम महाभारत की बात करें तो द्रौपदी ने खुले बालों के साथ अपने अपमान का बदला लेने की प्रतिज्ञा ली थी। उनके खुले बाल क्रोध और प्रतिशोध का प्रतीक बने थे। यह दर्शाता है कि खुले बालों को उग्रता का प्रतीक माना गया है। वहीं रामायण काल में कैकेयी ने भी अपने क्रोध और असंतोष को व्यक्त करने के लिए बाल खोलकर कोप भवन में बैठने का निर्णय लिया था। इन कथाओं से यह पता चलता है कि खुले बाल नकारात्मकता और अस्थिरता का प्रतीक हो सकते हैं, जो भोजन जैसी पवित्र प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं।

बाल खोलकर भोजन न बनाने के लिए क्या कहता है शास्त्र

is it good to cook open hair

शास्त्रों में भोजन बनाने को पूजा के समान पवित्र कार्य माना गया है। जिस प्रकार पूजा करते समय मन, वचन और कर्म की शुद्धता जरूरी है, उसी प्रकार भोजन बनाते समय भी यह आवश्यक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खुले बालों में बनाई गई रसोई देवताओं को स्वीकार्य नहीं होती।

यदि आप ऐसी भोजन का भोग अर्पित करती हैं तो इसे अशुद्ध मानकर देवी-देवता नाराज हो सकते हैं, जिससे परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। यही नहीं खुले बालों में बनाया गया भोजन पितरों को भी स्वीकार नहीं होता है और ऐसा भोजन उन्हें अर्पित करने से घर में पितृ दोष आ सकता है।

इन सभी कारणों की वजह से मान्यता है कि जो महिलाएं बाल बांधकर और पूरी शुद्धता के साथ भोजन बनाती हैं, उनके परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
वहीं खुले बालों से बनाया गया भोजन स्वाद से भरपूर होने के बाद भी अशुद्ध हो सकता है। अतः शास्त्रों और वैज्ञानिक सभी कारणों की वजह से आपको भी बाल खोलकर भोजन बनाने से मन किया जाता है।

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