Bhaat Ki Rasam: भारतीय शादियों की खासियत होती है इससे जुड़े रीति-रिवाज।
हर एक रीति-रिवाज का अपना विशेष महत्व और उससे जुड़ा रोचक तथ्य होता है।
वहीं, हिन्दू धर्म से जुड़े रीति-रिवाजों की बात करें तो इन्हीं में से एक है भात की रस्म।
विवाह में शादी के समय लड़की का भात उसके मामा द्वारा भरे जाने का रिवाज है।
हालांकि भात की रस्म लड़का और लड़की दोनों की तरफ से ही निभाई जाती है।
इस रिवाज के मुताबिक मामा अपने भांजे-भांजी को तरह-तरह के उपहार देते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह रस्म कब से और किसने शुरू की थी।
ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
कब और किसने शुरू की भात की रस्म?
- जूनागढ़ गुजरातमें नरसी मेहता नाम के एक व्यक्ति रहत थे जो परम कृष्ण भक्त थे।
- नरसी जी के परिवार में उनकी एक पुत्री नानी बाई और एक भांजी सुलोचना थी।
- नरसी जी कृष्ण भगवान (कृष्ण भगवान का आकर्षण मंत्र) के अनन्य भक्त थे लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति तंग थी।
- एक दिन सुलोचना का विवाह तय हुआ जो नरसी जी की एकमात्र भांजी थी।

- मगर उसके ससुराल वालों ने जब नरसी जी की अवस्था देखी तो उन्हें शर्म आई।
- उन्होंने सोचा नरसी जी इतने गरीब हैं कि अपनी भांजी के विवाह में क्या ही दे पाएंगे।
- ऐसे में तो सुलोचना के ससुराल वालों की नाक कट जाएगी और जग हसाई होगी।
- तब उन्होंने चाल चली और निमंत्रण के साथ भात की पूरी सूची नरसी जी को भेजी।
- सुलोचना के ससुराल वालों को लगा कि भात की सूची देख नरसी जी नहीं आएंगे।
- फिर ससुराल वाले कोई बहाना कर बिना सुलोचना के मामा के ही विवाह कर देंगे।
- हालांकि ऐसा हुआ नहीं। नरसी जी अपनी भांजी के विवाह में खुशी-खुशी पहुंच गए।
- ससुराल वालों ने भात की रस्म शुरू कर नरसी जी से रीति निभाने को कहा।
- तब नरसी जी ने आंख बंद कर श्री कृष्ण का ध्यान करना शुरू कर दिया।

- माना जाता है कि सुलोचना के ससुराल (किस दिन विवाहित लड़की को जाना चाहिए ससुराल से मायके) वालों के सामने धन की वर्षा शुरू हो गई।
- कथा के मुताबिक, 12 घंटे तक स्वर्ण मुद्राओं की वर्षा होती लगातार होती ही रही।
- ऐसा कहा जाता है कि ऐसा भात न कही किसी ने आजतक भरा और न भरा जाएगा।
- श्री कृष्ण ने ही भात की रस्म की शुरुआत की थी। उन्होंने ही इसका नाम भात रखा था।
अगर आपके यहां भी शादी के दौरान भात की रस्म होती है तो आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर किसने और कब शुरू किया था भात भरने का यह रिवाज और क्या है इसके पीछे की रोचक कथा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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