kanwar yatra ke dauran ho jaye period to kya karte hain

कांवड़ यात्रा के दौरान हो जाए पीरियड तो क्या करें?

एक महिला होने के नाते मेरे मन में यह प्रश्न आया कि अगर कांवड़ यात्रा के दौरान किसी महिला को अचानक पीरियड शुरू हो जाए तो क्या पूजा खंडित हो जाती है, ऐसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए, क्या यात्रा को बीच में छोड़ देना ठीक है। आइये जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-07-03, 12:34 IST

कांवड़ यात्रा वो धार्मिक यात्रा है जब भगवान शिव के भक्त कंधे पर कांवड़ रखकर अलग-अलग स्थानों से भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए गंगाजल लेकर आते हैं। पहले के समय मुख्य रूप से कांवड़ यात्रा पर पुरुष ही जाया करते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से अब महिलाएं भी कांवड़ यात्रा में भाग लेती हैं और भगवान शिव का नाम लेते हुए गंगाजल भरकर शिव मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं। ऐसे में एक महिला होने के नाते मेरे मन में यह प्रश्न आया कि अगर कांवड़ यात्रा के दौरान किसी महिला को अचानक पीरियड शुरू हो जाए तो क्या पूजा खंडित हो जाती है और साथ ही, ऐसी परिस्थिति में क्या करना चाहिए, क्या यात्रा को बीच में छोड़ देना ठीक है। इन्हीं सवालों का सटीक जवाब हमें दिया ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने।

कांवड़ यात्रा के दौरान पीरियड हो जाने पर क्या करना चाहिए?

कांवड़ यात्रा के दौरान अगर पीरियड आ जाएं तो ऐसे में घबराएं नहीं, बल्कि आराम से अपनी यात्रा पूरी करें। अगर आपको पीरियड तब शुरू हुए हैं जब आप जल भरने जा रहे हैं तो ऐसे में जिस भी तीर्थ स्थल आपको जल लेने के लिए जाना था वहां उस तीर्थ स्थल तक जाएं।

kanwar yatra ke dauran ho jaye period to kya karna chahiye

दर्शन करें और बिना जल लिए लौट आएं और घर आकर भगवान शिव से प्रार्थना करें कि अगली बार कांवड़ यात्रा से आपके लिए प्रभु जल अवश्य लाऊंगी। यात्रा शुरू करने से लेकर समापन तक भगवान शिव का निरंतर जाप करती रहें।

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कांवड़ यात्रा के दौरान अगर पीरियड आ जाएं तो ऐसे में दूसरा काम आप ये कर सकती हैं कि अगर आपके साथ कोई और भी यात्रा में शामिल है तो उसी से प्रार्थना करें कि वह आपके लिए भी गंगाजल जलाभिषेक के लिए थोड़ा सा भर ले।

अगर ऐसा संभव है तो आपके नाम से ही जल भरकर अपने कांवड़ में रखें और फिर शिवलिंग का जलाभिषेक करते समय पहले अपने जल से पूजा करें और फिर आपका नाम लेते हुए आपके नाम से जो जल भरा है उससे भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इससे आपकी यात्रा पूर्ण मानी जाएगी।

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कांवड़ यात्रा के दौरान अगर आपको पीरियड स्टार्ट हो जाएं तो ऐसे में आखिरी रास्ता यही है कि अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़कर घर लौट आएं और फिर घर पर ही बैठकर भगवान शिव का ज्यादा से ज्यादा ध्यान करें और पुण्य कर्मों का अनुसरण करें।

उदाहरण के तौर पर, जैसे कि आप अगर पूजा नहीं कर सकती हैं तो फिर ऐसी परिस्थिति में गरीबों को भोजन कराएं, जीव-जंतुओं की सेवा करें और घर में माता-पिता का ख्याल रखें। इन कार्यों को करने से कांवड़ यात्रा करने जितना ही पुण्य प्राप्त होगा और भगवान शिव प्रसन्न हो जाएंगे।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
कावड़ यात्रा के लिए किन स्थानों से लाना चाहिए गंगाजल?
कांवड़ यात्रा के लिए गंगाजल मुख्य रूप से हरिद्वार, गंगोत्री, और गौमुख से लाया जाता है।
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