जगन्नाथ रथ यात्रा हिन्दू धर्म के मुख्य पर्व और त्यौहारों में से एक है। रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा रथों पर सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में जिस भी व्यक्ति को शामिल होने का मौका मिल जाता है उसका भाग्योदय हो जाता है। भगवान जगन्नाथ का साक्षात सानिध्य व्यक्ति को प्राप्त होता है। यही कारण है कि पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। जगन्नाथ जी के दर्शन वो भी बलभद्र और सुभद्रा के साथ होना वाकई एक आलौकिक अनुभूति है।
हालांकि, आप में से ऐसे बहुत से लोग भी हों सकते हैं जो अलग-अलग कारणों के चलते इस दिव्य यात्रा में शामिल नहीं हो पाएं तो ऐसे में निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान अगर ये 3 काम घर पर किये जाएं तो इससे न सिर्फ यात्रा में शामिल होने जितना ही पुण्य मिलता है बल्कि भगवान जगन्नाथ की असीम कृपा भी प्राप्त होती है।
अगर आप रथ यात्रा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं तो अपने घर के पूजा स्थान पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। रथ यात्रा के दिन या उस दौरान किसी भी शुभ समय पर उनका विधिवत पूजन करें। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान को ताजे फूल, फल, शुद्ध जल और विशेष रूप से तुलसी दल अर्पित करें क्योंकि भगवान जगन्नाथ को तुलसी अत्यंत प्रिय है।
पूजा करते समय, आप मानसिक रूप से रथ यात्रा का ध्यान करें। कल्पना करें कि आप पुरी में हैं और भगवान के रथ को खींच रहे हैं या उनके दर्शन कर रहे हैं। इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी और भगवान की कृपा महसूस होगी। इसके साथ ही, आप 'जय जगन्नाथ' का संकीर्तन कर सकते हैं या भगवान के महामंत्र 'ॐ श्री जगन्नाथाय नमः' का जाप कर सकते हैं, इससे भगवान जगन्नाथ प्रसन्न होंगे।
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जगन्नाथ जी को भोग लगाना और प्रसाद ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप घर पर हैं तो रथ यात्रा के दिनों में विशेष रूप से सात्विक भोजन बनाएं। इस भोजन में प्याज और लहसुन का प्रयोग बिल्कुल न करें। भगवान को खिचड़ी, गुड़, घी और ताजे फल जैसे व्यंजन अर्पित करें। भोग लगाने के बाद घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर उस प्रसाद को ग्रहण करें।
जगन्नाथ पुरी में भगवान को 56 भोग लगाए जाते हैं जिनमें कई तरह के मीठे और नमकीन व्यंजन शामिल होते हैं। अगर आप इतने पकवान नहीं बना सकते तो अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ भी सात्विक और शुद्ध भोजन बनाकर भगवान को अर्पित करें। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि भोग में तुलसी दल जरूर डालें क्योंकि तुलसी के बिना भगवान जगन्नाथ का भोग अधूरा माना जाता है।
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रथ यात्रा के दिनों में अपने घर में एक सकारात्मक और धार्मिक माहौल बनाएं। घर को साफ-सुथरा रखें, धूप-दीप जलाएं और भजन-कीर्तन करें। भगवान जगन्नाथ से जुड़ी कथाएं पढ़ें या सुनें। इससे घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा। इसके अलावा, इन दिनों में दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ माना जाता है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार, गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन दान में दें।
रथ यात्रा के दिन या पूरे 10 दिनों के दौरान रोजाना घर पर किसी न किसी जरूरतमंद को बुलाएं और चाहे 1 बूंदी का दाना ही क्यों न दें लेकिन भोजन कराएं और फिर दान भी करें। दान सामर्थ्य अनुआर और गुप्त होना चाहिए। अनाज के अलावा, वस्त्र या अन्य उपयोगी वस्तुएं दान की जा सकती हैं। गायों को चारा खिलाएं। ऐसा करने से भगवान जगन्नाथ बहुत प्रसन्न होते हैं और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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