पीपल के पेड़ को हिन्दू धर्म में पूजनीय माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास स्थापित है। साथ ही, नवग्रह भी पीपल के पेड़ में निवास करते हैं। इसी कारण से ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और ग्रहों की शुभता बनी रहती है। इसी कड़ी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि पीपल के पेड़ की पूजा सप्ताह के अलग-अलग दिन करने पर अलग-अलग प्रभाव पड़ते हैं। इसके अलावा, पीपल के पेड़ में अलग-अलग वस्तुएं अर्पित करने से भी भिन्न-भिन्न प्रभाव जीवन में नजर आते हैं। ऐसे में आइये जानते हैं कि शुक्रवार के दिन पीपल के पेड़ में दूध चढ़ाने से क्या होता है।
शुक्रवार के दिन पीपल के पेड़ में दूध चढ़ाने के लाभ
ज्योतिष शास्त्र में शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है जो धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी हैं। पीपल के पेड़ को भी अत्यंत पवित्र और पूजनीय वृक्ष माना गया है। शुक्रवार को पीपल पर दूध चढ़ाने से सबसे प्रमुख लाभ धन और समृद्धि में वृद्धि है।
यह उपाय देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करता है जिससे घर में सुख-शांति आती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। दूध को शुद्धता और पोषण का प्रतीक माना जाता है और जब इसे पीपल पर अर्पित किया जाता है तो यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
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इसके अलावा, यह उपाय मानसिक शांति और तनाव मुक्ति में भी सहायक होता है। पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर या उसे स्पर्श करके दूध चढ़ाने से व्यक्ति को एक प्रकार की शांति महसूस होती है। यह ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में भी मदद कर सकता है खासकर यदि कुंडली में कोई ग्रह कमजोर हो या अशुभ स्थिति में हो।
यह भी माना जाता है कि शुक्रवार के दिन पीपल पर दूध चढ़ाने से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो यह उपाय उनके पूर्वजों को शांति प्रदान करता है और बाधाएं दूर होती हैं।
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शुक्रवार के दिन पीपल के पेड़ पर दूध चढ़ाना एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली ज्योतिषीय उपाय है जो धन, शांति और सकारात्मकता को आकर्षित करता है, साथ ही पितृ दोष जैसे ज्योतिषीय दोषों को कम करने में भी सहायक हो सकता है। यह आस्था और विश्वास का प्रतीक है, और सच्चे मन से किया गया कोई भी कार्य निश्चित रूप से शुभ फल देता है।
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