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पीपल में जल चढ़ाते समय जरूर पढ़ें ये मंत्र, हर विघ्न-संकट से मिल सकता है छुटकारा

पीपल में जल चढ़ाते समय मंत्रों का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। केवल मंत्रों को पढ़ने से ही लाभ नहीं मिलता है। आपके मन में वृक्ष और देवताओं के प्रति सम्मान का भाव होना भी आवश्यक है। नियमित रूप से पीपल में जल चढ़ाना और इन मंत्रों का जाप करना आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
Editorial
Updated:- 2025-05-06, 07:29 IST

सनातन धर्म में पीपल वृक्ष के पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में देवताओं का वास होता है और नियमित रूप से इसकी पूजा करने से अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। पीपल में जल चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसा कहा जाता है शनिवार के दिन पीपल पेड़ में जल चढ़ाने से शनि दोषों से मुक्ति मिलती है और कष्टों का निवारण होता है। साथ ही. पीपल में जल चढ़ाते समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना और भी अधिक फलदायी हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि इन मंत्रों के जाप से जीवन के हर विघ्न और संकट से छुटकारा मिल सकता है। तो आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से उन महत्वपूर्ण मंत्रों के बारे में जानते हैं, जिन्हें पीपल में जल चढ़ाते समय अवश्य पढ़ना चाहिए।

पीपल में जल देते समय किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?

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  1. आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यंसर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।
  2. विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतए गोविन्दाय नमो नम:।
  3. दामोदरं पद्मनाभं केशवं गरुडध्वजम्। गोविन्दमच्युतं कृष्णमनन्तमपराजितम्।।

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इन मंत्रों के उच्चारण के साथ भी पीपल वृक्ष में दे सकती हैं जल

  • विष्णु मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
  • पितृ दोष निवारण मंत्र: ॐ पितृभ्यः नमः
  • ग्रह शांति मंत्र (सूर्य देव के लिए): ॐ सूर्याय नमः
  • ग्रह शांति मंत्र (शनि देव के लिए): ॐ शनैश्चराय नमः
  • सर्व मनोकामना पूर्ति मंत्र: ॐ सर्वदेवाय नमः

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पीपल वृक्ष में जल चढ़ाते वक्त मंत्रों का जाप करने से क्या होता है?

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पीपल के वृक्ष में भगवान विष्णु का भी वास माना जाता है। ऐसे में, भगवान के मूल मंत्र का जाप करते हुए जल चढ़ाने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह मंत्र हर प्रकार के संकट और बाधाओं को दूर करने में सहायक माना जाता है। पीपल के वृक्ष को पितरों का प्रतीक भी माना जाता है। अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है या आपको पितरों की शांति के लिए कुछ करना है, तो ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करते हुए पीपल में जल चढ़ाना अत्यंत लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, इन मंत्रों का उच्चारण करते हुए पीपल वृक्ष में जल देने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होने के साथ-साथ शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या से भी मुक्ति मिलती है। पीपल के वृक्ष में सभी देवताओं का वास माना जाता है, इसलिए इन मंत्रों का जाप करते हुए जल चढ़ाने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त हो सकती है।

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