Mangalvar Vrat Katha 2025: मंगलवार का रखते हैं व्रत तो जरूर पढ़ें ये कथा, हनुमान जी का मिलेगा आशीर्वाद

हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक, मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। मंगलवार के दिन जो भक्त पूजा और व्रत करते हैं उन्हें शुभ फल मिलते हैं और जीवन में आ रहे कष्ट भी दूर होते हैं। मंगलावर के व्रत में कथा पढ़ने और सुनने का महत्व भी है। आइए, यहां जानते हैं मंगलवार की व्रत कथा के बारे में।           
mangalvar vrat katha hindi

मंगलवार के दिन विधि-विधान से व्रत करने और हनुमान जी की कथा सुनने से भक्तों को बल, बुद्धि और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत न केवल शारीरिक और मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि जीवन में बाधाओं को दूर करने और मनोकामनाओं को पूरा करने में भी मदद करता है। मंगलवार व्रत की कथा प्रेरणादायक है और इससे सुनने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। आइए, यहां ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं मंगलावर व्रत की पौराणिक कथा के बारे में।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, मंगलवार का व्रत उन लोगों के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है जिनकी कुंडली में मंगल या राहु-केतु का दोष होता है। मंगलवार के व्रत में हनुमान जी की विधि-विधान के साथ पूजा करने का अहम महत्व माना गया है। साथ ही इस दिन व्रत के साथ कथा का पाठ करना भी अनिवार्य है। व्रत कथा के पाठ के बिना मंगलवार का व्रत अधूरा माना जाता है।

मंगलवार को पढ़ें हनुमान जी की व्रत कथा (Mangalwar Ko Padhe Hanuman Ji Ki Vrat Katha)

mangalvar ki katha

एक बार की बात है एक नगर में ब्राह्मण और उसकी पत्नी निवास करते थे। दोनों हनुमान जी के परम भक्त थे। दोनों हर मंगलवार के दिन जंगल में जाकर न सिर्फ हनुमान जी की पूजा किया करते थे बल्कि हनुमान जी के लिए व्रत का निर्वाहन भी करते थे।

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ब्राह्मण और उसकी पत्नी के पास सब कुछ था लेकिन उनके पास संतान सुख नहीं था। इसी वजह से दोनों घने जंगल में जाकर पूर्ण श्रद्धा से हनुमान जी की आराधना करते हुए पुत्र प्राप्ति की कामना करते थे और हनुमान जी को भोग लगाने के बाद ही खाते थे।

एक बार हुआ यूं कि ब्राह्मण की पत्नी की तबियत खराब हो गई और वह न तो भोजन बना पाई और न ही हनुमान जी का भोग लगा पाई, जिसके बाद ब्राह्मण की पत्नी ने प्रण लिया कि अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाने के बाद ही खाना खाऊंगी।

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ब्राह्मण की पत्नी 6 दिन तक भूखी-प्यासी रहीं और हनुमान जी की श्रद्धा से पूजा करती रहीं, लेकिन मंगलवार के दिन ब्राह्मण की पत्नी बेहोश हो गई। तब हनुमान जी ब्राह्मण और उसकी पत्नी की भक्ति से प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन देने पहुंचें।

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हनुमान जी के दर्शन देने के बाद जब उन्होंने ब्राह्मण और उसकी पत्नी से वरदान मांगने को कहा तब ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने एक पुत्र की इच्छा जताई और हनुमान जी ने उन्हें एक पुत्र प्रदान किया। इस तरह मंगलवार व्रत कथा का समापन होता है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से मंगलवार व्रत कथा के बारे में जान सकते हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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FAQ

  • मंगलवार का व्रत कितने बजे खोलना चाहिए?

    मंगलवार का व्रत खोलने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है। हालांकि, आप सूर्यास्त के बाद हनुमान जी का पूजन करने के बाद व्रत खोल सकते हैं। मंगलवार के व्रत में नमक का भोजन नहीं करना चाहिए और हल्का ही भोजन करना चाहिए। 
  • महिलाएं मंगलवार का व्रत कैसे करें?

    मंगलवार का व्रत रखने के लिए महिलाओं को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। व्रत के दौरान महिलाओं को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और काले या सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। साथ ही व्रत के दौरान हनुमान जी का ध्यान और चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  • मंगलवार को मंदिर में क्या चढ़ाना चाहिए?

    मंगलवार क दिन हनुमान जी के मंदिर में लाल झंडा चढ़ाना शुभ माना जाता है। 
  • मंगलवार को कौन-से काम नहीं करने चाहिए?

    मंगलवार के दिन बाल काटने, दाढ़ी बढ़ाने और नाखून काटने से बचना चाहिए।
  • क्या मंगलवार के व्रत में रोटी खा सकते हैं?

    मंगलवार के व्रत में रोटी खाई जा सकती हैं। हालांकि, रोटी नमक की नहीं होनी चाहिए और इसे प्याज-लहसुन के साथ भी नहीं खाना चाहिए।