हिन्दू धर्म में क्या है 4 अंक का महत्व? जानें आपसे कैसे जुड़ा है ये नंबर

जहां एक ओर हर अंक का न सिर्फ ज्योतिष में स्थान मौजूद है बल्कि उसकी धार्मिकता भी शास्त्रों में बताई गई है। ठीक ऐसे ही 4 अंक को ज्योतिष शास्त्र में दिव्य माना गया है, वहीं धार्मिक दृष्टि से भी इस अंक का गहरा अर्थ बताया गया है।  

what is the secret of number  in hindu dharma

हिन्दू धर्म में अंकों का बहुत महत्व माना गया है हर एक अंक से जुड़ी कोई न कोई विशेषता शास्त्रों में वर्णित है जिसके आधार पर उस अंक का प्रभाव भी व्यक्ति के जीवन पर देखने को मिलता है। जहां एक ओर हर अंक का न सिर्फ ज्योतिष में स्थान मौजूद है बल्कि उसकी धार्मिकता भी शास्त्रों में बताई गई है। ठीक ऐसे ही 4 अंक को ज्योतिष शास्त्र में दिव्य माना गया है, वहीं धार्मिक दृष्टि से भी इस अंक का गहरा अर्थ बताया गया है। असी में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि हिन्दू धर्म में 4 अंक का क्या महत्व है?

4 नंबर क्यों है हिंदी धर्म में खास?

number  ka kya hai hindu dharm mein mahatva

शास्त्रों के अनुसार, 4 युग बताये गए हैं। इन युगों के नाम हैं: सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग। वहीं, चार ही वेदों की रचना ब्रह्म देव ने की थी जो हैं: सामवेद, ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।

जीवन में हर परिस्थिति से निपटने के लिए भी चार ही नीतियों का वर्णन मिलता है। यह नीतियां हैं: साम, दाम, दंड और भेद। समय के आंकलन के लिए भी शास्त्रों में चार प्रहर बताये गए हैं।

यह भी पढ़ें:इस चालीसा के रोजाना पाठ से मिल जाती है संकटों से मुक्ति

यह चार प्रहर हैं: सुबह, दोपहर, शाम और रात। शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में चार गुरुओं का वर्णन मिलता है। पहले गुरु माता, दूसरा पिता, तीसरा गुरु शिक्ष और चौथा गुरु जो आध्यात्म सिखाए।

धरती पर 84 लाख योनियां हैं, लेकिन उनके प्रकार भी चार हैं: जलचर जो जल में रहता है, थलचर जो पृथ्वी पर निवास करता है, नभचर जो आसमान में रहता हो और चौथा है उभयचर प्राणी।

यह भी पढ़ें:शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए जरूर बोलें ये एक नाम, आसपास होने लगेगा महादेव का एहसास

व्यक्ति के जीवन में आने वाले पड़ाव भी चार ही हैं जिन्हें संस्कृत में आश्रम भी कहा गया है। इन आश्रमों में पहला है ब्रह्मचर्य, दूसरा गृहस्थ, तीसरा वानप्रस्थ और चौथा आश्रम है संन्यास।

number  ka kya hai hindu dharma mein mahatva

शास्त्रों में चार जीव- अंडज, पिंडज, स्वेडज और उद्भिज का उल्लेख मिलता है। चार ही भोज्य होते हैं: खाग, पेय, नेहा और चोष्य। साथ ही, चार पुरुषार्थ भी होते हैं- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर हिन्दू धर्म में क्यों खास माना जाता है 4 अंक और क्या है इसका महत्व एवं इससे जुड़ी विशेषता। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP