किसी भी माला का उपयोग भगवान के जाप और ध्यान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि माला के माध्यम से मंत्रों का जाप करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा को भी बढ़ाता है। माला की प्रत्येक मोती हमारे मन और आत्मा को एकाग्रचित करने में सहायक होती है। विभिन्न प्रकार की मालाओं का उपयोग अलग-अलग देवी-देवताओं की आराधना और विशेष उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
इन प्रमुख मालाओं में रुद्राक्ष, चंदन, तुलसी, स्फटिक, चंदन और हल्दी जैसी मालाएं विशेष रूप से भगवान के जाप में उपयोग की जाती हैं। इनका महत्व उनके निर्माण, सामग्री और उपयोग के तरीकों से जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, रुद्राक्ष माला का उपयोग भगवान शिव के भक्तों द्वारा किया जाता है, वहीं तुलसी माला विष्णु और कृष्ण की पूजा में उपयोग में लाई जाती है।
इनका उपयोग करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता है जैसे कि माला को को पवित्र बनाए रखना, मंत्र जाप के लिए एक निश्चित समय और स्थान चुनना और जाप दाहिने हाथ से करना। आइए यहां ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में कि कौन सी माला का जाप कब और कैसे करना चाहिए।
रुद्राक्ष माला का जाप करने के फायदे
रुद्राक्ष माला भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक होती है। यह माला मानसिक शांति, ध्यान और आध्यात्मिक ऊर्जा बनाए रखने के लिए बेहद उपयोगी मानी जाती है।
रुद्राक्ष में मौजूद ऊर्जा नकारात्मकता को दूर करती है और मन को एकाग्र बनाने में सहायक होती है। रुद्राक्ष की माला से जाप करने से मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने में मदद मिलती है। यह माला ध्यान और योग के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है। माला का जाप करने के लिए शिव मंत्रों का जाप विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
रुद्राक्ष माला से जाप करने के नियम
अगर आप रुद्राक्ष माला से जाप करते हैं तो आपको ध्यान में रखना चाहिए कि इसे हमेशा गंगाजल या शुद्ध जल से साफ़ करना जरूरी होता है।
रुद्राक्ष की माला को दाहिने हाथ से पकड़कर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें और यदि संभव है तो 108 बार मंत्र जाप करें।
रुद्राक्ष माला का उपयोग करते समय आपको सात्विक आहार और पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए जिससे इसकी पवित्रता बनी रहती है।
ध्यान रखें कि इस माला को कभी भी जमीन पर न रखें और मंत्र जाप के बाद इसे पूजा स्थान पर सुरक्षित रखें।
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चंदन माला का जाप करने के फायदे
चंदन की माला भगवान विष्णु, कृष्ण और माता लक्ष्मी की पूजा में उपयोगी मानी जाती है। चंदन की प्राकृतिक सुगंध मन को शांत करती है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। इसे विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त माना जाता है जो मानसिक शांति चाहते हैं। यदि आप मानसिक तनाव को दूर करना चाहते हैं तो चंदन की माला के साथ भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और इसका पूरा लाभ उठाएं।
- यदि आप चंदन की माला से मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपकी मानसिक शांति बनी रहती है।
- इस माला से जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
- यह विष्णु और लक्ष्मी मंत्रों के जाप में शुभ मानी जाती है।
चंदन माला का जाप करने के नियम
चंदन की माला से जाप करते समय आपको हमेशा साफ और शांत स्थान पर बैठना चाहिए।
इस माला को हमेशा साफ और सुरक्षित स्थान पर रखना जरूरी माना जाता है। कोशिश करें कि इस माला को आप पूजा के स्थान पर रखें जिससे इसकी पवित्रता बनी रहती है।
चंदन की माला से जाप के दौरान मन को पूरी तरह एकाग्रचित्त रखना जरूरी होता है। यही नहीं इसे गंगाजल से शुद्ध करना भी आवश्यक है।
तुलसी माला जाप के फायदे
तुलसी माला को भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा में अत्यधिक शुभ माना जाता है। तुलसी की पवित्रता और ऊर्जा भक्त को आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है।
यह माला विष्णु भक्ति में लीन होने वाले भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। तुलसी की माला आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाती है। भगवान विष्णु और कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए यह अत्यंत लाभकारी मानी जाती है। यह माला नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है।
तुलसी माला जाप के नियम
तुलसी माला का जाप हमेशा सात्विक और पवित्र वातावरण में करें। इसे रोजाना गंगाजल या शुद्ध जल से साफ करें।
माला के साथ 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' या 'हरे कृष्ण' मंत्र का जाप करें।
माला को घर के पवित्र स्थान पर रखें।
स्फटिक माला जाप के फायदे
स्फटिक माला देवी लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा में सबसे ज्यादा उपयोगी मानी जाती है। यह माला मानसिक शांति, सकारात्मकता और धन वृद्धि के लिए विशेष लाभकारी है। स्फटिक की चमक और ऊर्जा किसी व्यक्ति के ध्यान को मजबूत करने में मदद करती है।
जिससे किसी भी काम में एकाग्रचित होने में मदद मिलती है। स्फटिक माला मानसिक शांति और सकारात्मकता प्रदान करती है। यह माता लक्ष्मी की प्रिय माला है इसलिए धन और समृद्धि को आकर्षित करने के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। जब भी आप देवी लक्ष्मी और माता सरस्वती के मंत्रों के जाप करें उस समय इस माला से किया गया जाप फलदायी माना जाता है।
स्फटिक माला जाप करने के नियम
आप जब भी स्फटिक माला से जाप करें इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि इसे अच्छी तरह से साफ़ किया जाए। आप इस माला को किसी साफ़ स्थान पर लाल कपड़े या पोटली में लपेटकर रखें। स्फटिक माला को नियमित रूप से साफ करें ताकि इसकी ऊर्जा बनी रहे।
जब भी माला का जाप करें ध्यान रहे कि आप हमेशा दाहिने हाथ का ही इस्तेमाल करें। माला का जाप करते समय आपको तर्जनी उंगली से माला के स्पर्श को बचाना चाहिए।
यदि आप किसी भी माला से मंत्रों का जाप करते हैं तो आपको इसके नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए, जिससे इसके पूर्ण लाभ मिलें। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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