गुरुवार के दिन करें श्री विष्णु चालीसा का पाठ, नारायण की कृपा से दूर होंगी परेशानियां

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने से जीवन की तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है और सुख-समृद्धि का वास होता है। माना जाता है। श्रद्धा से किया गया चालीसा पाठ भगवान नारायण की विशेष कृपा दिलाता है। 
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जब जीवन में समस्याएं घिरने लगती हैं, मन विचलित हो जाता है और कोई राह नजर नहीं आती, तब ईश्वर की शरण सबसे प्रभावी सहारा बनती है। ऐसे समय में अगर आप गुरुवार के दिन कुछ विशेष उपाय करें, तो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।

गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन की कठिनाइयां भी दूर होने लगती हैं।

श्री विष्णु चालीसा एक ऐसा आध्यात्मिक माध्यम है, जो व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा को एक नई ऊर्जा देता है। यह पाठ न सिर्फ भक्त को भगवान की कृपा दिलाता है, बल्कि पारिवारिक सुख, आर्थिक संतुलन और वैवाहिक जीवन में भी स्थिरता लाता है।

यह सरल लेकिन प्रभावशाली स्तुति, नारायण के अवतारों और उनके कार्यों का गुणगान करती है, जिससे भक्त का विश्वास और भक्ति दोनों गहरे होते हैं।

आज हम आपको इस आर्टिकल में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से श्री विष्णु चालीसा के पाठ और उसके महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।

श्री विष्णु चालीसा पाठ (Shri Vishnu Chalisa Path)

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दोहा

विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय ।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय ॥

विष्णु चालीसा

नमो विष्णु भगवान खरारी, कष्ट नशावन अखिल बिहारी ।
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी, त्रिभुवन फैल रही उजियारी ॥

सुन्दर रूप मनोहर सूरत, सरल स्वभाव मोहनी मूरत ।
तन पर पीताम्बर अति सोहत, बैजन्ती माला मन मोहत ॥

शंख चक्र कर गदा विराजे, देखत दैत्य असुर दल भाजे ।
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे, काम क्रोध मद लोभ न छाजे ॥

सन्तभक्त सज्जन मनरंजन, दनुज असुर दुष्टन दल गंजन ।
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन, दोष मिटाय करत जन सज्जन ॥

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पाप काट भव सिन्धु उतारण, कष्ट नाशकर भक्त उबारण ।
करत अनेक रूप प्रभु धारण, केवल आप भक्ति के कारण ॥

धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा, तब तुम रूप राम का धारा ।
भार उतार असुर दल मारा, रावण आदिक को संहारा ॥

आप वाराह रूप बनाया, हिरण्याक्ष को मार गिराया ।
धर मत्स्य तन सिन्धु बनाया, चौदह रतनन को निकलाया ॥

अमिलख असुरन द्वन्द मचाया, रूप मोहनी आप दिखाया ।
देवन को अमृत पान कराया, असुरन को छवि से बहलाया ॥

कूर्म रूप धर सिन्धु मझाया, मन्द्राचल गिरि तुरत उठाया ।
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया, भस्मासुर को रूप दिखाया ॥

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वेदन को जब असुर डुबाया, कर प्रबन्ध उन्हें ढुढवाया ।
मोहित बनकर खलहि नचाया, उसही कर से भस्म कराया ॥

असुर जलन्धर अति बलदाई, शंकर से उन कीन्ह लड़ाई ।
हार पार शिव सकल बनाई, कीन सती से छल खल जाई ॥

सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी, बतलाई सब विपत कहानी ।
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी, वृन्दा की सब सुरति भुलानी ॥

देखत तीन दनुज शैतानी, वृन्दा आय तुम्हें लपटानी ।
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी, हना असुर उर शिव शैतानी ॥

तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे, हिरणाकुश आदिक खल मारे ।
गणिका और अजामिल तारे, बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे ॥

हरहु सकल संताप हमारे, कृपा करहु हरि सिरजन हारे ।
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे, दीन बन्धु भक्तन हितकारे ॥

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चाहता आपका सेवक दर्शन, करहु दया अपनी मधुसूदन ।
जानूं नहीं योग्य जब पूजन, होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन ॥

शीलदया सन्तोष सुलक्षण, विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण ।
करहुं आपका किस विधि पूजन, कुमति विलोक होत दुख भीषण ॥

करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण, कौन भांति मैं करहु समर्पण ।
सुर मुनि करत सदा सेवकाई, हर्षित रहत परम गति पाई ॥

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दीन दुखिन पर सदा सहाई, निज जन जान लेव अपनाई ।
पाप दोष संताप नशाओ, भव बन्धन से मुक्त कराओ ॥

सुत सम्पति दे सुख उपजाओ, निज चरनन का दास बनाओ ।
निगम सदा ये विनय सुनावै, पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै ॥

॥ इति श्री विष्णु चालीसा ॥

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श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने का महत्व

श्री विष्णु चालीसा का नियमित पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। यह माना जाता है कि विष्णु चालीसा का पाठ करने से जाने-अनजाने में हुए पापों का नाश होता है। भगवान विष्णु क्षमा के देवता हैं और वे अपने भक्तों के पापों को क्षमा कर देते हैं। जीवन में आने वाली परेशानियों, बाधाओं और कष्टों से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु अपने भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से बचाते हैं।

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FAQ

  • गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?

    ॐ विष्णवे नमःॐ नमो नारायणॐ नारायणाय नमःॐ वासुदेवाय नमःॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
  • विष्णु चालीसा का पाठ दिन में कितनी बार करना चाहिए?

    विष्णु चालीसा का पाठ दिन में दो बार करना चाहिए, एक सुबह में और दूसरा शाम को।
  • गुरुवार के दिन कौन-सा काम नहीं करना चाहिए?

    गुरुवार के दिन सिलाई का काम करने से बचना चाहिए। इस दिन पूजा-पाठ का सामान खरीदने से भी बचना चाहिए और नीले वस्त्र ग्रहण नहीं करने चाहिए।
  • गुरुवार के दिन विष्णु भगवान को क्या चढ़ाना चाहिए?

    भगवान विष्णु को गुरुवार के दिन पीली चीजें जैसे गुड़-चने की दाल, केला, केसरिया भात जैसी चीजें अर्पित करनी चाहिए।
  • क्या श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष विधि या नियम है?

    पाठ से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठें और शुद्ध मन से पाठ करें। घी का दीपक जलाएं और पीले फूल या चने की दाल भगवान को अर्पित करें।