Vastu Tips For Home: घर में अपने पूर्वजों यानी पितर की तस्वीरें लगाना भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न अंग है। ऐसा माना जाता है कि पितरों का आशीर्वाद हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। उनकी तस्वीरें हमें उनकी याद दिलाती हैं, उनके प्रति आदर और सम्मान व्यक्त करने का एक माध्यम बनती हैं। वहीं, जब बात आती है इन तस्वीरों को घर में सही जगह पर स्थापित करने की, तो इसके लिए अक्सर लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं। विशेष रूप से यह सवाल कि क्या पितरों की तस्वीर बेडरूम में लगाना शुभ है या अशुभ। इस आर्टिकल में आपके इस सवाल के जवाब आसानी से मिल जाएंगे।
वास्तु शास्त्र, ऊर्जा के प्रवाह और दिशाओं के महत्व पर गहरा जोर डालता है। यह सिर्फ घर के निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि घर के अंदर रखी हर वस्तु पर भी निर्भर करता है। सामानों की दिशा और स्थान का व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। पितरों की तस्वीरों का स्थान भी वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार ही तय किया जाना चाहिए, ताकि उनसे सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो और घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मकता प्रवेश न करे। इसी के साथ आइए, इस बारे में ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से जान लेते हैं।
क्या बेडरूम में पितरों की तस्वीर लगानी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बेडरूम में पितरों की तस्वीरें लगाना उचित नहीं माना जाता है। दरअसल, बेडरूम एक ऐसा स्थान है, जहां व्यक्ति आराम करता है, निजी पल बिताता है और दांपत्य जीवन से जुड़ी गतिविधियां होती हैं। ऐसे में, इस स्थान पर पितरों की तस्वीर लगाना उचित नहीं माना जाता है। अगर आप बेडरूम में पितरों की तस्वीरें लगाते हैं, तो इससे आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। पितरों की तस्वीर को कहां लगाना चाहिए और कहाँ नहीं, ताकि उनका आशीर्वाद सदैव हम पर बना रहे, इस बारे में जान लेना भी जरूरी है।
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पितरों की तस्वीर कहां लगानी चाहिए और कहां नहीं?
वास्तु के अनुसार, पितरों की तस्वीर लगाने के लिए घर का उत्तरी भाग सबसे उत्तम माना जाता है। तस्वीर को इस तरह से लगाएं कि पितरों का मुख दक्षिण दिशा की ओर हो। ऐसा माना जाता है कि दक्षिण दिशा पितरों की दिशा होती है और इस दिशा से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पूजा घर या मंदिर में पितरों की तस्वीर रखी जा सकती है। पितरों की तस्वीर को देवी-देवताओं की मूर्तियों या तस्वीरों से थोड़ा नीचे या अलग दीवार पर लगाना चाहिए। उन्हें देवताओं के बराबर या ऊपर नहीं रखा जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि पितरों की तस्वीर देवी-देवताओं के ठीक सामने न हो।
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बेडरूम, रसोईघर, सीढ़ियों के नीचे या ऊपर, शौचालय या बाथरूम से सटी हुई दीवार पर, मुख्य प्रवेश द्वार के ठीक सामने, आदि जगहों पर पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। यह स्थान पितरों के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती है। इस तरीके से पितरों की तस्वीर लगाने से उनका अनादर होता है। हमेशा साफ-सुथरी, शांत और पवित्र जगह पर ही पितरों की तस्वीर लगानी चाहिए। धूल-मिट्टी या अव्यवस्थित जगह पर तस्वीर लगाना अशुभ माना जाता है।
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