हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित सबसे पवित्र काल माना जाता है। यह वह समय है जब प्रकृति अपनी पूर्ण भव्यता में होती है, और माना जाता है कि इस दौरान भगवान शिव धरती पर अपने भक्तों से मिलने के लिए आते हैं। यही कारण है कि सावन में शिवलिंग की पूजा का विशेष विधान है और इसे अत्यंत फलदायी माना जाता है। आपको बता दें, शिवलिंग भगवान शिव का निराकार स्वरूप है, जो उनकी अनादि, अनंत का प्रतीक हैं। अब ऐसे में सावन माह में अविवाहित महिलाएं भगवान शिव की पूजा कर रही हैं तो शिवलिंग पर पीली सरसो को चढ़ाने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
अविवाहित महिलाएं सावन में शिवलिंग पर चढ़ाएं पीली सरसो
पीली सरसों को ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह से संबंधित माना गया है। गुरु ग्रह को विवाह, सौभाग्य और समृद्धि का कारक ग्रह माना जाता है। जब अविवाहित कन्याएं सावन में भगवान शिव के शिवलिंग पर पीली सरसों अर्पित करती हैं, तो माना जाता है कि इससे गुरु ग्रह मजबूत होता है। गुरु ग्रह की मजबूती से विवाह के योग बनते हैं और योग्य वर की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, पीली सरसों को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सकारात्मकता लाने वाला भी माना जाता है। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान की गई पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। यह महीना न केवल विवाहित महिलाओं के लिए, बल्कि अविवाहित कन्याओं के लिए भी सौभाग्य लेकर आता है। अगर विवाहित महिलाओं के वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी आ रही है तो पीली सरसो शिवलिंग पर चढ़ाने से लाभ हो सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में पीली सरसो का महत्व
ऐसी मान्यता है कि पीली सरसों शिवलिंग पर चढ़ाने से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। दरिद्रता दूर होती है और आय के नए स्रोत खुलते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीली सरसों शिवलिंग पर चढ़ाने से स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
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शिवलिंग पर पीली सरसो चढ़ाने की विधि
- पीली सरसों अर्पित करने के लिए सोमवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव का प्रिय दिन है। इसके अलावा आप प्रदोष काल में भी चढ़ा सकते हैं।
- पीली सरसों चढ़ाते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप अवश्य करें। आप अपनी मनोकामना से संबंधित शिव मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
- शिवलिंग पर साबुत पीली सरसों ही चढ़ाएं।
- पीली सरसो आप ब्रह्म मुहूर्त की पूजा में विशेष रूप से चढ़ाएं। यह मुहूर्त शुभ माना गया है।
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