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शादी में आ रही हैं अड़चनें तो सावन से शुरू करें 16 सोमवार का व्रत, जानें पूजा की सही विधि

यदि आपकी शादी में बाधाएं आ रही हैं और बिना वजह बात बनते-बनते बिगड़ जाती है तो सावन के महीने से सोलह सोमवार के व्रत का आरंभ कर सकती हैं।
Editorial
Updated:- 2024-07-17, 13:48 IST

हिंदू धर्म में किसी भी व्रत और त्योहार का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि व्रत करने से ईश्वर को प्रसन्न किया जा सकता है और मनोकामनाओं को पूर्ति होती है। इन्हीं में से एक व्रत है सोलह सोमवार का।

ज्योतिष के अनुसार यह व्रत अगर सावन के सोमवार से शुरू किया जाता है तो इसके दोगुने फल मिलते हैं। अगर आपकी शादी में कुछ अड़चनें आ रही हैं या बात बनते-बनते बिगड़ जाती है तो आप सावन के महीने से विधि-विधान के साथ सोलह सोमवार का व्रत रख सकती हैं।

इस व्रत को करना आपके लिए अच्छा है , लेकिन इसकी सही विशि भी जाननी जरूरी है जिससे इसके पूरे लाभ मिलें। इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है और इस दिन सोमवार है, जिसकी वजह से सावन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा। यदि आप सावन से सोलह सोमवार के व्रत का संकल्प लेना चाहती हैं तो आपके लिए व्रत का आरंभ 22 जुलाई से करना ही शुभ होगा। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें सावन से शुरू होने वाले सोलह सोमवार व्रत के नियम और पूजा की सही विधि के बारे में विस्तार से।

सावन के महीने से सोलह सोमवार का व्रत करें शुरू

solah somvar vrat kaise karen

सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। सावन के सोमवार का विशेष महत्व है और यदि आप इस अवधि से ही सोलह सोमवार का व्रत शुरू करते हैं तो आपके विवाह में आने वाली कोई भी बाधा दूर होती है। इसे सोलह सोमवार व्रत के रूप में मनाया जाता है। यह व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ रखने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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सावन से शुरू होने वाला सोलह सोमवार व्रत का महत्व

सोलह सोमवार व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से व्रतधारी के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और उसे सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी लड़कियों के लिए शुभ लाभ देने वाला होता है।

इससे शादी में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलती है। के बीच लोकप्रिय है, जो इसे अपने परिवार की सुख-शांति और कल्याण के लिए रखती हैं। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से अविवाहित लड़कियों को योग्य वर प्राप्त होता है और विवाहित महिलाओं के वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं।

कैसे करें सोलह सोमवार का व्रत

vrat sankalp of solah somvar

  • सावन में शुरू होने वाले सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत व्रत के संकल्प से करें। यदि आप व्रत का संकल्प करती हैं तो सुबह स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
  • व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान शिव के समक्ष व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेने के बाद, पूरे सावन महीने के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखें।
  • आपको ध्यान रखना है कि सोमवार के दिन व्रत रखते समय आपका मन शुद्ध होना चाहिए और कोई भी विकार मन में न लाएं।

सोलह सोमवार व्रत की पूजा सामग्री

भगवान शिव की मूर्ति, गंगा जल,दूध, दही, घी, शहद और चीनी,चंदन, पुष्प, बेलपत्र, धतूरा, भांग, धूप, दीप, अगरबत्ती,फल, मिठाई

सोलह सोमवार व्रत की पूजा विधि

somvar vrat puja niyam

  • प्रातःकाल स्नान  करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • भगवान शिव की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • पंचामृत से अभिषेक करें और पुनः गंगाजल से स्नान कराएं।
  • भगवान शिव को चंदन, पुष्प, बेलपत्र, धतूरा और भांग अर्पित करें।
  • धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं।
  • शिव चालीसा और शिव पुराण का पाठ करें।
  • भगवान शिव को नैवेद्य अर्पित करें और आरती करें।
  • जल्दी शादी की इच्छा रखने वाली लड़कियों को भगवान शिव के साथ माता पार्वती का पूजन करने की भी सलाह दी जाती है।

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सोलह सोमवार व्रत के नियम

  • व्रत के दौरान क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष आदि नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना चाहिए।
  • व्रत के दौरान आपको झूठ, चोरी और अन्य अनैतिक कार्यों से बचना चाहिए।
  • व्रत के दौरान भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए और उनकी कथाओं को सुनना चाहिए।

सोलह सोमवार का व्रत करने के लाभ

  • सोलह सोमवार व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान शिव की कृपा से सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।
  • इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। अविवाहित लड़कियों को योग्य वर प्राप्त होता है।
  • व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा और उनकी कथाओं का श्रवण करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।

ऐसा माना जाता है कि सावन से शुरू होने वाले सोलह सोमवार का व्रत करने से कुंवारी लड़कियों को अच्छा वर मिलता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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