Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्‍नाथ जी के महाप्रसाद में क्‍यों मिलती है लकड़ी की 'छड़ी', जानें क्‍या हैं इसका महत्‍व

जगन्‍नाथ रथ यात्रा 2025: जानिए भगवान जगन्‍नाथ के महाप्रसाद में लकड़ी की 'छड़ी' क्यों रखी जाती है, क्या है इसका धार्मिक महत्व और पौराणिक मान्यता।
rath yatra 2025

आपने कई बार यह कहावत सुनी होगी 'भगवान की लाठी में आवज नहीं होती है। ', मगर भगवना जगन्‍नाथ की बेंत की छड़ी में आवाज भी होती है और यह बहुत ज्‍यादा प्रभावशाली भी होती हैं। इसलिए इसे जगन्‍नाथ आने वाले हर भक्‍त को महाप्रसाद में जरूर दिया जाता है। इसका महत्‍व यहीं खत्‍म नहीं होता है। धार्मिक ग्रंथों में प्रभु जगन्‍नाथ की बेंत की छड़ी के कई चमत्‍कारी फायदे बताए गए हैं। अगर आप भी इस बार Rath Yatra 2025 में भाग लेने के लिए पुरी जा रही हैं, तो इस छड़ी को लेना न भूलें। आप जब भी मंदिर में चढ़ाने के लिए महाप्रसाद दुकान से खरीदें, साथ में छड़ी भी खरीद लें। जब आप भगवान के कक्ष में जाए तो वहां बैठे पंडित जी इस छड़ी को भगवान के चरणों में रखकर आपको वापिस दे देंगे। मगर इस बेंत की छड़ी का आपको करना क्‍या है? यह जान लेना भी आवश्‍यक है। चलिए इस बारे में विस्‍तार से बात करते हैं।

भगवान जगन्‍नाथ के प्रसाद में क्‍यों दी जाती है 'बेंत की छड़ी'?

हिंदू धर्म में जितने भी भगवान हैं, उन सब में भगवान जगन्‍नाथ की मूर्ति सबसे अलग नजर आती है। यह बात तो सभी जानते हैं कि भगवान जगन्‍नाथ श्री कृष्‍ण का ही एक स्‍वरूप है और श्री कृष्‍ण द्वारिका के राजा हैं। राजा के स्‍वरूप में श्री कृष्‍ण हमेशा ही अपने साथ छड़ी रखते हैं। यह छड़ी किसी को मारने के लिए नहीं बल्कि उनके आगमन की दस्‍तक देने के लिए होती है। जब भगवान पुरी आए, तो बेशक उनका आधा अधुरा स्‍वरूप ही यहां विराजमान हो पाया, मगर पुरी में भी उनका उनका रुतबा एक राजा के जैसा ही है। इसलिए यहां पर बेंत की छड़ी को महाप्रसाद में देने की परंपरा है।

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भगवान जगन्‍नाथ की 'बेंत की छड़ी' को लेकर मान्‍यता

जगन्‍नाथ पुरी के मंदिर में ऐसी बहुत सी अद्भुत चीजें आपको देखने को मिलेंगी, जैसे यहां पर आपको जगन्‍नाथ जी के साथ राधा विराजमान नहीं दिखेंगी, मगर कहा जाता है कि श्री राधा रानी भगवान श्री जगन्‍नाथ की बेंत की छड़ी में देवी लक्ष्‍मी के स्‍वरूप में बसती हैं। इसलिए महाप्रसाद में जिस भक्‍त को भी यह छड़ती मिल जाती है, उसके वारे न्‍यारे हो जाते हैं। उसकी आर्थिक स्थिति ठीक हो जाती है और श्री कृष्‍ण के साथ-साथ माता लक्ष्‍मी का भी आशीर्वाद प्राप्‍त होता है।

भगवान जगन्‍नाथ की 'बेंत की छड़ी' को घर में कहां रखें

जगन्‍नाथ पुरी से जब आप भगवान के महाप्रसाद में बेंत की छड़ी लेकर घर आएं, तो इस अपने मंदिर में रखें और जैसे आप सभी देवी-देवताओं की पूजा करती हैं, वैसे ही इस छड़ी की भी पूजा करें। इससे आपके घर में सुख और समृद्धि के साथ-साथ देवी लक्ष्‍मी का वास होगा और आपके घर में कभी भी अन्‍न-धन की कमी नहीं होगी।

तो याद रखें अगर आप रथ यात्रा में शामिल होने के लिए पुरी में हैं तो भगवान श्री जगन्‍नाथ का यह प्रसाद अपने साथ जरूर लेकर आएं।

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